Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Sep, 2017 12:08 PM
1982 में धर्मयुद्ध मोर्चे के दौरान शहीदी प्राप्त करने वाले 34 शहीद सिंहों की 34वीं बरसी के मौके पर गुरुद्वारा 34 शहीद सिंह सराय पत्तन
रूपनगर (विजय): 1982 में धर्मयुद्ध मोर्चे के दौरान शहीदी प्राप्त करने वाले 34 शहीद सिंहों की 34वीं बरसी के मौके पर गुरुद्वारा 34 शहीद सिंह सराय पत्तन (रूपनगर) में वार्षिक जोड़ मेले के दौरान संगत के भारी इकट्ठ को संबोधित करते हुए सरबत खालसा की तरफ से बनाए गए तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार भाई बलजीत सिंह दादूवाल ने ऐलान किया कि वह संगत के सहयोग से गत विधानसभा चुनावों की तर्ज पर आगामी एस.जी.पी.सी. चुनावों में अकालियों का सूपड़ा साफ कर देंगे।
उन्होंने कहा कि पंथक रिवायतों से अकालियों ने एस.जी.पी.सी. की कारगुजारी में दखलअंदाजी करके गुरु की गोलक को करोड़ों का चूना लगाया है तथा पंथक रिवायती सिद्धांत का अपमान किया है। उन्होंने कहा कि आज साढ़े 3 दशक का समय बीतने के बाद अकाली दल अपने पैरों तले जमीन खिसकती देख शहीद परिवारों को नौकरियां देने के झांसे तले उनके जमीर को खरीदने की कोशिश कर रहा है।
उन्होंने कहा कि तख्त श्री दमदमा साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी गुरमुख सिंह ने पांच प्यारों के आगे पेश होकर डेरा सिरसा के प्रमुख को अकालियों के इशारे पर जत्थेदारों द्वारा प्रदान की गई माफी का जो खुलासा किया गया है, उससे अकाली सरकार की डेरा सिरसा के प्रमुख से सांझ जगजाहिर हुई है। इस मौके पर तख्त श्री केसगढ़ साहिब के जत्थेदार भाई अमरीक सिंह अजनाला ने कहा कि डेरा प्रमुख के इशारे तथा अकालियों की मिलीभगत से बरगाड़ी तथा बहबल कलां कांड घटित हुए, जिसके कारण आज तक ज्ञानी गुरबचन सिंह तथा कृपाल सिंह बडूंगर ने उस स्थान पर जाना उचित नहीं समझा।