Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Sep, 2017 11:09 AM
रैडक्रॉस सोसायटी गुरदासपुर द्वारा गरीब लोगों के लिए पुराने सिविल अस्पताल की इमारत मेंं शुरू की गई सांझी रसोई योजना शुरू होने के मात्र 3 माह बाद ही बंद हो गई जिस कारण इस सांझी रसोई से 10 रुपए प्रति थाली के हिसाब से दोपहर का खाना खाने वाले गरीब...
गुरदासपुर (विनोद): रैडक्रॉस सोसायटी गुरदासपुर द्वारा गरीब लोगों के लिए पुराने सिविल अस्पताल की इमारत मेंं शुरू की गई सांझी रसोई योजना शुरू होने के मात्र 3 माह बाद ही बंद हो गई जिस कारण इस सांझी रसोई से 10 रुपए प्रति थाली के हिसाब से दोपहर का खाना खाने वाले गरीब व्यक्ति इस सुविधा से वंचित हो गए।
इस सांझी रसोई का रैडक्रॉस गुरदासपुर द्वारा 9 जून 2017 को पंजाब के कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिन्द्र सिंह बाजवा से उद्घाटन करवाकर काफी वाहवाही बटोरी गई थी। रैडक्रॉस सोसायटी गुरदासपुर के सचिव बलविंद्र सिंह के अनुसार सामाजिक व अन्य संगठनों से आर्थिक मदद न मिलने कारण तथा रसोइए के भाग जाने कारण यह सांझी रसोई बंद हुई है,जिसे जल्द ही फिर शुरू कर दिया जाएगा।
इकट्ठी की गई जानकारी अनुसार गरीब लोगों को सस्ता दोपहर का खाना उपलब्ध करवाने की योजना से गुरदासपुर सिविल अस्पताल की पुरानी इमारत में 9 जून 2017 को जिला रैडक्रॉस सोसायटी ने सांझी रसोई शुरू की थी। इस रसोई मेंं शुरू-शुरू मेंं तो लगभग 300 लोग दोपहर का खाना मात्र 10 रुपए प्रति थाली के हिसाब से भुगतान करके खाते थे।
इस रसोई को चलाने की जिम्मेदारी अन्न-जल सेवा सोसायटी लुधियाना ने ले रखी थी। यह सोसायटी सामाजिक संगठनों की मदद से यह प्रकल्प चला रही थी। धीरे-धीरे इस सांझी रसोई में खाना-खाने के लिए आने वाले लोगों की संख्या कम होने लगी, जिसका मुख्य कारण आर्थिक संकट था। अन्न-जल सेवा ट्रस्ट ने सोचा था कि गुरदासपुर से उन्हें इस सांझी रसोई को चलाने के लिए आॢथक मदद मिलती रहेगी,परंतु ऐसा नहीं हुआ जिस कारण कुछ दिनों से यह सांझी रसोई बंद पड़ी है। पता चला है इस सांझी रसोई मेंं 7 कर्मचारी काम करते हैं, जिन्हें 3 माह से वेतन भी नहीं दिया गया। रैडक्रॉस के प्रधान जिलाधीश होते हैं।