Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Feb, 2018 11:43 AM
दहेजप्रथा, विवाह तथा अन्य समारोह मौके फिजूल खर्च करने की आदत सामाजिक कुप्रथा बन गई है।
संगरूरः दहेजप्रथा, विवाह तथा अन्य समारोह मौके फिजूल खर्च करने की आदत सामाजिक कुप्रथा बन गई है। इस कुप्रथा पर रोक लगाने और किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने के उद्देश्य से 20 गांवों की पंचायत ने एक ऐसी पहल की है जिससे राहत महसूस होगी। इस काम के लिए पंचायत ने फरमान जारी कर कहा है कि लोग दहेज लेना और देना बिल्कुल बंद कर दें। इस संबंधित अनाउंसमेंट और सार्वजनिक स्थानों पर पोस्टर लगा कर लोगों को जागरूक करने का भी फैसला लिया गया है। इस फैसले को सख्ती के साथ लागू किया जाएगा,जो इसे नहीं मानेगा उस पर 10 हजार से लेकर 51 हजार रुपए तक का जुर्माना लगाया जाएगा। इन फरमान को लागू करने के लिए पंचायतें अपने स्तर पर समितियों का गठन करेंगी।
पंचायतों की तरफ से लिए गए अहम फैसले
पंचायतें ने रिंग सेरेमनी बंद करने का भी फैसला लिया, क्योंकि यह हमारे समाज का हिस्सा नहीं है। विवाह मौके शराब और मीट का इस्तेमाल बंद करना। महिलाओं समेत 31 सदस्यों की बारात लेकर जाना। लड़की वाले अपने घर या गुरुद्वारे में साधारण तरीके से स्वागत करना। विवाह में अश्लील और हथियारों वाले गीत बंद करना। रात 10 बजे के बाद कोई भी ऊंची आवाज में स्पीकर न लगाना और यदि कोई ऐसा करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई आदि फैसले लिए गए।