Edited By Updated: 01 May, 2017 03:29 AM
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेता ब्रिगेडियर जगदीश गगनेजा की हत्या के मामले की जांच...
जालंधर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेता ब्रिगेडियर जगदीश गगनेजा की हत्या के मामले की जांच में तेजी लाने की मांग करते हुए संघ के प्रांतीय प्रमुख ने कहा कि संगठन की मांग के बावजूद राज्य सरकार ने यह मामला काफी देर से केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो को सौंपा था। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पंजाब के संघ चालक बृजभूषण सिंह बेदी ने कहा कि जब संघ नेता पर हमला हुआ था, उसी दिन से संगठन की यह मांग थी कि मामला एन.आई.ए. को सौंप दिया जाए लेकिन राज्य की तत्कालीन अकाली-भाजपा सरकार ने ऐसा नहीं किया।
बेदी ने कहा, ‘‘मुझे आश्चर्य है कि राज्य की तत्कालीन सरकार (शिअद-भाजपा गठबंधन) ने इस मामले में तत्परता क्यों नहीं दिखाई। उन पर हमला होने के बाद हमने सरकार से यह मांग की थी कि यह केस एन.आई.ए. को दिया जाना चाहिए लेकिन हमारी नहीं सुनी गई।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह मामला सी.बी.आई. को दिए 8 महीने हो गए हैं लेकिन अब तक इसमें जांच एजैंसी को कुछ भी नहीं मिला है। यह भी बड़े आश्चर्य की बात है कि दूसरे स्थानों पर अथवा अन्य मामलों में सी.बी.आई. को तत्काल सुराग मिल जाता है और गिरफ्तारियां भी हो जाती हैं लेकिन पंजाब में ऐसा नहीं हो पा रहा है, यह भी एक गंभीर विषय है।’’
संघ के प्रांत प्रमुख ने यह भी कहा, ‘‘मुझे लगता है कि देर से सी.बी.आई. को केस दिए जाने के कारण उन्हें कुछ नहीं मिल रहा है लेकिन अपने आप में सवाल है कि 8 महीने का लंबा वक्त हो जाने के बावजूद अब तक इसमें कोई प्रगति क्यों नहीं हुई है।’’ बृजभूषण सिंह बेदी ने कहा, ‘‘इस मामले में जांच और तेज करने की आवश्यकता है ताकि यह पता चल सके कि मोटरसाइकिल पर सवार वे दो हमलावर कौन थे और किनके साथ उनके संबंध हैं जिन्होंने गगनेजा पर गोलियां चलाई थीं।’’
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को हस्तक्षेप कर मामले की जांच तेज करने के लिए कहना चाहिए और हमलावरों की गिरफ्तारी होनी चाहिए। दरअसल पंजाब के जालंधर में व्यस्ततम ज्योति चौक इलाके में पिछले साल 6 अगस्त को सरेआम संघ के पंजाब के उपाध्यक्ष तथा अवकाश प्राप्त ब्रिगेडियर जगदीश गगनेजा को मोटरसाइकिल सवार 2 हमलावरों ने गोली मारी थी। बाद में लुधियाना के एक अस्पताल में गगनेजा का निधन हो गया था। यह भी उल्लेखनीय है कि एन.आई.ए. को यह मामला देने की संघ की मांग के बावजूद तकरीबन 3 हफ्ते बाद राज्य की तत्कालीन शिअद-भाजपा गठबंधन सरकार ने यह केस सी.बी.आई. को दिया था। बेदी ने यह भी कहा कि राज्य में जब आतंकवाद था तब किसी नेता की हत्या नहीं हुई और अब जब शांति है तो संघ नेता पर हमला कर उनकी हत्या कर दी गई।