Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Aug, 2017 11:13 AM
जिले में रेत का कारोबार करने वाले ठेकेदार माइनिंग विभाग की मिलीभगत से विभागीय नियमों को छींके पर टांग कर अवैध तरीके से माइनिंग करके सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लगा रहे हैं।
फिरोजपुर/ममदोट(यशवंत, शर्मा, बिट्टू): जिले में रेत का कारोबार करने वाले ठेकेदार माइनिंग विभाग की मिलीभगत से विभागीय नियमों को छींके पर टांग कर अवैध तरीके से माइनिंग करके सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लगा रहे हैं। ज्यादातर यह काम फिरोजपुर शहरी हलके अधीन आते गांवों वाहका मोड़, अक्कू वाला में हो रहा है। जब ‘पंजाब केसरी’ की टीम द्वारा आज उक्त जगह का दौरा किया गया तो सैंकड़ों की संख्या में घोड़े-ट्राले, टिप्पर व ट्रैक्टर-ट्राली लेकर चालक अपनी बारी का इन्तजार करते पाए गए।
टीम को देखते ही ठेकेदारों के कारिंदे पोकलेन मशीनें छोड़ कर भाग निकले। ठेकेदार पोकलेन मशीनों से रेत के गड्ढों को 50 फुट तक गहरा कर रहे हैं लेकिन नियमों के मुताबिक रेत के गड्ढे को 10 से 12 फुट से गहरा नहीं किया जा सकता और पोकलेन मशीनों का प्रयोग भी नहीं किया जा सकता। इसके अलावा जिस जमीन से रेत की निकासी करनी होती है उसकी मार्किंग करके साइडों पर पिल्लर व झंडियां लगानी जरूरी हैं और किनारे पर संबंधित ठेकेदार का नाम, फर्म का नाम, मोबाइल नं. बोर्ड पर लिखा होना जरूरी है।
जानकारी के अनुसार फि रोजपुर शहरी हलके के अधीन आते गांव वाहके के नजदीक सतलुज दरिया के बांध पर बड़े स्तर पर अवैध माइनिंग करके सफेद सोना बेच कर सियासी नेताओं की शह पर रेत माफिया की तरफ से करोड़ों रुपए कमाए जा रहे हैं, जबकि माइनिंग विभाग सब कुछ जानते हुए कुंभकर्णी नींद सोया हुआ है और विभाग की तरफ से अखबारों में लगी खबरों के बाद छोटी-मोटी कार्रवाइयां करके खानापूर्ति की जा रही है परन्तु रेत माफिया को नकेल कसने में जिला प्रशासन, पुलिस विभाग और माइनिंग विभाग असफल साबित हुआ है।