Edited By Updated: 28 Oct, 2016 03:17 PM
देश के कई प्रसिद्ध साधु-संतों ने सीमा पर तैनात जवानों का आभार व्यक्त करने के लिए भारत-पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर वाघा चौकी पर उनके साथ दीवाली मनाने का फैसला किया है।
नर्इ दिल्लीः देश के कई प्रसिद्ध साधु-संतों ने सीमा पर तैनात जवानों का आभार व्यक्त करने के लिए भारत-पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर वाघा चौकी पर उनके साथ दीवाली मनाने का फैसला किया है।
अहिंसा विश्व भारती के संस्थापक जैनाचार्य डॉ लोकेश मुनि ने आज यहां बताया कि दिवाली पर विभिन्न धर्मों के संत जवानों के साथ देश की एकता, अखंडता, अमन-चैन और खुशहाली की प्रार्थना करेंगे और उन्हें आशीर्वाद प्रदान करेंगे7 डॉ लोकेश मुनि ने कहा कि उनके अलावा परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती, अकाल त$ख्त के प्रमुख जत्थेदार भाई ज्ञानी गुरबचन सिंह, अखिल भारतीय इमाम संगठन के अध्यक्ष इमाम उमेर अहमद इलियासी और बंगला साहिब गुरुद्वारा दिल्ली के प्रमुख परमजीत सिंह चंडोक 29 अक्टूबर को दीवाली के अवसर पर तिरंगा हाथों में लेकर पैदल वाघा सीमा जाएंगे।
उन्होंने बताया कि सभी संत सुबह अमृतसर पहुंचेंगे और स्वर्ण मंदिर हरमंदिर साहिब में विशेष प्रार्थना में भाग लेंगे और फिर वाघा सीमा चौकी जाएंगे। संत दिल से चाहते हैं कि जब देश दीवाली मना रहा हो तो सैनिक सीमाओं पर अकेला महसूस न करें। सीमा पर संत जवानों के साथ दीवाली पर दीप जलाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल में देशवासियों से सेना और सुरक्षा बलों के कर्मियों को शुभकामनायें भेजने का अनुरोध किया था।