Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Aug, 2017 11:11 AM
सरकार द्वारा एस.सी. स्कॉलरशिप की राशि न दिए जाने का बहाना बनाकर अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ी श्रेणियों के पात्र विद्यार्थियों को दाखिले से
चंडीगढ़(कमल): सरकार द्वारा एस.सी. स्कॉलरशिप की राशि न दिए जाने का बहाना बनाकर अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ी श्रेणियों के पात्र विद्यार्थियों को दाखिले से मना करने वाले संस्थानों के खिलाफ बनती कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इन विचारों का प्रकटावा जंगलात, प्रिंटिंग एंड स्टेशनरी और एस.सी./बी.सी. भलाई विभाग के कैबिनेट मंत्री साधू सिंह धर्मसोत ने पत्रकारों के साथ बातचीत दौरान किया।
धर्मसोत ने बताया कि पंजाब विधानसभा के बजट सैशन दौरान कुछ संस्थाओं द्वारा फर्जी दाखिले और वजीफों के दावों संबंधित गंभीर इल्जाम लगे थे। इसलिए प्रदेश सरकार ने स्कीम के सभी खातों का और इससे अलावा इस स्कीम के साथ संबंधित शिक्षा संस्थानों की खाता किताबें और रिकार्ड का बीते 5 वर्षों भाव 2011-12 से 2016-17 तक वित्त विभाग के द्वारा ऑडिट करवाने का फैसला किया है। उन्होंने बताया कि सी.डब्ल्यू.पी. 15,455 ऑफ 2014 के आदेशों की पालना करते हुए भलाई विभाग ने नीतिगत दिशा-निर्देश जारी किए जोकि अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों से दाखिला फीस लेने संबंधित थे। उक्त दिशा-निर्देश नोटीफिकेशन नंबर 3/94 /2016-एस ए-आई /1493, तारीख 22 जुलाई, 2016 को जारी किए गए, जोकि संस्थानों में अनुसूचित जातियों के विद्यार्थियों के दाखिले के साथ संबंधित थे।
भलाई विभाग ने अन्य विभागों को कहा है कि यह यकीनी बनाया जाए कि अनुसूचित जाति के पात्र विद्यार्थियों को फीस की अदायगी किए बगैर दाखिले में कोई कठिनाई पेश न आए। यदि कोई संस्थान नीतिगत दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करता है और अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़े श्रेणियों के पात्र विद्यार्थियों को दाखिले से मना करता है तो ऐसे संस्थानों के खिलाफ बनती कानूनी कार्रवाई की जाए। मंत्री ने कहा कि 12 मई, 2017 को 115.73 करोड़ रुपए की रकम वर्ष 2015-16 के लिए भारत सरकार की तरफ से जारी की गई है और यह रकम जरूरी बजट में न होने के कारण जारी नहीं हुई और इसको सभी शिक्षा संस्थाओं को अनुपात में जारी किया जा रहा है।