Edited By Updated: 15 Feb, 2017 02:54 AM
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डी.एस.जी.एम.सी.) के चुनाव को लेकर
जालंधर: दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डी.एस.जी.एम.सी.) के चुनाव को लेकर चल रही सियासत के बीच कमेटी के महासचिव मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि अकाली दल पॉजीटिव एजैंडे और अपने काम के दम पर चुनाव लड़ रहा है। विरोधियों पर तंज कसना और बदनामी करना उसके एजैंडे में नहीं है। सिरसा के साथ ‘पंजाब केसरी’ के संवाददाता रमनदीप सिंह सोढी ने बात की।
प्रश्न: दिल्ली में ‘आप’ संबंधित पंथक सेवा दल कितनी बड़ी चुनौती है?
उत्तर: ‘आप’ का पंजाब में भी शिरोमणि कमेटी को छीनने का एजैंडा है और दिल्ली में भी दिल्ली कमेटी सिखों के हाथ से छीनना ही एजैंडे में है। इसके लिए ‘आप’ ने पूरा जोर भी लगा लिया है। यहां तक कि हमारा चुनाव चिन्ह भी छीनने की कोशिश की है। हमें फार्म पर एक लाइन पर हस्ताक्षर करने को मजबूर किया गया। इस लाइन में अकाली दल को धार्मिक पार्टी लिखा गया था।
हमने अपने एडवोकेट जनरल से बातचीत के बाद रास्ता निकाला और अकाली दल को धार्मिक पार्टी न होना लिखा क्योंकि एक्ट में ऐसी बात कहीं नहीं लिखी लेकिन ‘आप’ सरकार ने नियम बना दिया कि धार्मिक पार्टी ही चुनाव लड़ सकती है। इससे पहले कांग्रेस ने परमजीत सिंह सरना के जरिए दिल्ली के गुरुद्वारों पर नियंत्रण रखा और अब आम आदमी पार्टी भी यही काम करना चाहती है।
प्रश्न: बेअदबी मामले के कारण पंथक सेवा दल अकाली दल की तुलना कांग्रेस के साथ कर रहा है ?
उत्तर: दोनों नैगेटिव एजैंडे पर काम कर रहे हैं। दोनों लांछन लगाकर वोट लेना चाहते हैं। बात दिल्ली के गुरुद्वारों की संभाल की हो रही है। बात सिख इतिहास को लेकर किए काम की हो रही है। लोग काम को सराह रहे हैं।
प्रश्न: बेअदबी मामले को लेकर क्या दिल्ली के सिखों में रोष नहीं है ?
उत्तर: इसमें दिल्ली की जनता का वास्ता नहीं है। दिल्ली की जनता यह जानती है कि पंजाब में हुई घटना का किसी राजनीतिक दल से लेना-देना नहीं है। इसे विरोधियों ने मुद्दा बनाया था। दिल्ली में 1984 के दौरान श्री गुरु ग्रंथ साहिब की गली-गली में बेअदबी की गई लेकिन क्या कांग्रेस के समर्थक सरना ग्रुप ने अपनी प्रबंधक कमेटी रहते इस मामले में कुछ किया। हमने दिल्ली के गुरुद्वारों को सियासत से दूर रखने का काम किया है
प्रश्न: डेरा सिरसा से समर्थन का नुक्सान होगा?
उत्तर: दिल्ली गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी ने चुनाव से 3 दिन पहले ही इसका विरोध किया था। मैंने चुनाव लडऩे से पहले कहा था कि मैं डेरे का समर्थन लेने की बजाय चुनाव न लडऩा पसंद करूंगा। हमने दिल्ली में डेरा सिरसा प्रमुख की फिल्म नहीं चलने दी। कैप्टन खुद डेरा गए और सरना उनके लिए पंजाब में वोट मांग रहे थे।
प्रश्न: चुनाव के मुद्दे क्या हैं
उत्तर: हमने पॉजीटिव एजैंडे पर काम किया। विरोधियों पर तंज कसना और बदनामी करना हमारा काम नहीं है। दिल्ली में हमने कुतुब मीनार पर कार्यक्रम करवा कर देश और दुनिया को 300 वर्ष बाद बताया कि यहां बन्दा बहादुर जी की शहादत हुई थी। हमने लाल किले के साथ जुड़े सिखों के इतिहास के बारे में बताया कि कैसे सिख योद्धाओं ने 1783 में मुगलों के कब्जे से लाल किले को मुक्त करवाया था। हम जनता के बीच अपने धर्म के कार्यों को लेकर गए। गुरु गोङ्क्षबद सिंह जी के 350 वर्ष के इंडिया गेट पर कार्यक्रम करके दुनिया को बताया कि हमारा सिख इतिहास क्या है।