Edited By Updated: 08 Dec, 2016 11:52 PM
विधानसभा चुनावों के लिए अपने हिस्से में आती अधिकतर सीटों पर अकाली दल ने अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है....
लुधियाना(हितेश): विधानसभा चुनावों के लिए अपने हिस्से में आती अधिकतर सीटों पर अकाली दल ने अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है। जबकि भाजपा इस मामले में काफी पीछे हैं। जिसकी वजह कई जगह सीटें आपस में बदलने बारे चल रही कवायद को भी माना जा रहा है।
पंजाब की 117 में से 23 सीटें भाजपा के हिस्से आती हैं जो हर बार इनको बढ़ाने की मांग करती है। इस मुद्दे पर काफी बवाल बचने के बावजूद हमेशा हाईकमान लेवल से पुराने फार्मूले पर ही लडऩे का फैसला होता है। हालांकि पिछले दो चुनावों में अकाली-भाजपा में इस बात को लेकर जरूर सहमति बन रही है कि जिन सीटों पर लगातार हार मिल रही है या जहां सिख व ङ्क्षहदू वोट बैंक का अनुपात ठीक नहीं बैठता।
वहां सीटों को आपस में बदल लिया जाए। यह प्रस्ताव अब भी दोनों पाॢटयों में चल रहा है। लेकिन काफी समय बीतने के बावजूद कुछ तय नहीं हो पाया। इसकी वजह यह भी है कि भाजपा शहरी सीटों से कब्जा नहीं छोडऩा चाहती। जबकि अकाली दल 80 से ज्यादा उम्मीदवारों का ऐलान कर चुका है। जिनमें कई सीटें ऐसी भी हैं, जिनको बदलने पर चर्चा चल रही थी। जिसके बावजुद अकाली दल की नजर भाजपा के कोटे वाली कुछ सीटों पर है।
इसकी पुष्टि भाजपा के वरिष्ठ सूत्रों ने की है। जिनके मुताबिक सीटें बदलने का पहलु खत्म नहीं हुआ। बल्कि बीच का रास्ता निकाला जा रहा है। यहां तक कि अकाली दल के किसी नेता को भाजपा के चुनाव चिन्ह पर लड़ाया जा सकता है। जिसके लिए लुधियाना उतरी से मदन लाल बग्गा का नाम सामने आ रहा है।