Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Jun, 2017 02:17 PM
पंजाब विधानसभा चुनाव में हार के बाद अकाली -भाजपा गठबंधन दरमियान दरार बढ़ती नजर आ रही है।
जालंधरः पंजाब विधानसभा चुनाव में हार के बाद अकाली-भाजपा गठबंधन में दरार बढ़ती नजर आ रही है। चुनाव नतीजों को लेकर शनिवार शाम जालंधर में होने वाली मंथन बैठक में हंगामे के आसार हैं। इस बात के भी संकेत सामने आ रहे हैं कि दोनों पार्टियां अपने-अपने एजैंडे पर काम करने का फैसला ले सकतीं हैं। बैठक में आगामी निगम चुनावों में गठबंधन पर रणनीति बनाने तथा गुरदासपुर उपचुनाव व दूसरे मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। अकाली-भाजपा गठबंधन के लिए जुलाई में संभावित निगम चुनाव चुनौतीपूर्ण होंगे। ऐसे में गठबंधन निगम चुनावों को लेकर नई रणनीति बनाएगा।
वहीं अकाली दल में पंथक एजैंडे ऊपर आने के संकेत मिलने शुरू हो गए हैं। एस. जी. पी. सी. की तरफ से घल्लूघारा दिवस मौके गुरुद्वारों में समागम करवाए जाने की तैयारी से अकाली दल की भविष्य की राजनीति के संकेत मिल रहे हैं,जबकि पिछले 2 माह दौरान भाजपा की तरफ से की जा रही राजनीति से भी यह साफ होना शुरू हो गया है कि वह अकाली दल के साथ मिल कर चलने के मूड में नहीं है।
भाजपा पिछले दो महीने दौरान तीन बार अलग-अलग मुद्दों को लेकर गवर्नर से मुलाकात कर चुकी है। इस दौरान भाजपा के साथ अकाली दल के नेता मौजूद नहीं थे।दूसरे राज्यों में भाजपा की तरफ से गई राजनीति और अपने राजनीतिक साथियों को छोड़ने के फैसले के बाद इस बात के ओर भी पुख़्ता आसार हैं कि अकाली दल के साथ भाजपा का गठबंधन बहुत लम्बा समय नहीं रहेगा। हरियाणा में भाजपा ने अपनी सहयोगी इनैलो के साथ नाता तोड़ लिया है जबकि महाराष्ट्रा में समान विचारधारा वाली शिव सेना को भी भाजपा ने छोड़ दिया है। भाजपा पंजाब में 23 विधानसभा सीटों और तीन लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ती है पार्टी को लगता है कि अकेले लड़ने की स्थिति में वह बेहतर प्रदर्शन कर सकती है। जबकि अकाली दल को भी लग रहा है कि भाजपा के साथ चलने का उसे राजनीतिक नुक्सान हो रहा है ।