एक साथ सभी स्कूलों के स्टाफ की पुलिस वैरीफिकेशन करना बड़ी चुनौती

Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Sep, 2017 01:38 PM

ryan murder case

गुरु ग्राम के सोहना रोड पर रेयान इंटरनैशनल स्कूल के टॉयलेट में दूसरी कक्षा के छात्र की गला रेतकर हत्या के मामले के बाद जहां देश भर के स्कूलों

लुधियाना (ऋषि): गुरु ग्राम के सोहना रोड पर रेयान इंटरनैशनल स्कूल के टॉयलेट में दूसरी कक्षा के छात्र की गला रेतकर हत्या के मामले के बाद जहां देश भर के स्कूलों में छात्रों की सुरक्षा को लेकर एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है, वहीं सरकार के आदेशों के बाद स्कूलों के लिए अब स्टाफ की पुलिस वैरीफिकेशन करवाना किसी चुनौती से कम नहीं है।

हालांकि सरकारी स्कूलों में स्टाफ की नियुक्ति के समय ही पुलिस वैरीफिकेशन की प्रक्रिया मुकम्मल हो जाती है, लेकिन प्राइवेट स्कूल स्टाफ की नियुक्ति के समय पुलिस वैरीफिकेशन करवाना जरूरी नहीं समझते। अब बात अगर लुधियाना की करें तो घटना के बाद एहतियात के तौर पर पुलिस कमिश्नर आर.एन. ढोके ने पहलकदमी कर प्राइवेट स्कूलों को बेशक स्टाफ की वैरीफिकेशन करवाने के निर्देश तो जारी कर दिए हैं, लेकिन उचित गाइड लाइन न होने के चलते यह निर्देश मैनेजमैंट के लिए किसी सिरदर्दी से कम नहीं है, क्योंकि न तो स्कूलों को यह जानकारी है पुलिस वैरीफिकेशन की प्रक्रिया कहां और कैसे मुकम्मल होनी है।

वहीं पुलिस ने भी इन आदेशों को अमलीजामा पहनाने के लिए कोई हैल्पलाइन नंबर जारी नहीं किया और न ही पुलिस स्टेशनों में इसकी गाइड लाइन भेजी है। चाहे पुलिस कमिश्नर आर.एन. ढोके की तरफ से स्कूलों में सुरक्षा इंतजाम कड़े करने के आदेश जारी करने के साथ-साथ स्कूल मैनेजमैंट को सभी स्टाफ की पुलिस वैरीफिकेशन करवाने का कहा गया है लेकिन हजारों की तादात में स्कूलों में मौजूद स्टाफ की पुलिस वैरीफि केशन करना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। महानगर में स्कूलों में मौजूद स्टाफ की गिनती 50 हजार से लेकर 70 हजार के बीच है। इनमें स्कूलों के टीचर, कलैरिकल स्टाफ से लेकर दर्जा-4 कर्मचारी हैं। वहीं सी.बी.एस.सी. स्कूलों को 21 नवम्बर तक सभी स्कूल स्टाफ की पुलिस वैरीफिकेशन करवा रिपोर्ट भेजने को कहा गया है।

पहले न स्कूलों ने ध्यान दिया न प्रशासन ने दिखाई गंभीरता 
स्कूल स्टाफ की पुलिस वैरीफिकेशन करवाने बारे न तो पहले स्कूल मैनेजमैंट की तरफ से ध्यान दिया जाता था और न ही प्रशासन ने आज तक इस बात को भी गंभीरता से लिया है, जिस कारण शहर के किसी भी स्कूल की तरफ से नियुक्ति पत्र देने से पहले पुलिस वैरीफिकेशन नहीं करवाई गई। अब एक साथ सभी स्कूलों के स्टाफ की वैरीफिकेशन करना न तो पुलिस के लिए आसान काम है और न ही स्कूलों की तरफ से एकदम सब कुछ किया जा सकता है। अब देखना यह है कि पुलिस वैरीफिकेशन की प्रक्रिया पूरी होने में कितना समय लगता है। 

स्कूल स्टाफ को लगाने पड़ रहे चक्कर
कई स्कूल प्रबंधकों का कहना है कि पुलिस कमिश्नर की तरफ से पुलिस वैरीफिकेशन करवाने के ऑर्डर तो जारी कर दिए गए है, लेकिन स्कूल के दर्जा-4 कर्मचारी से लेकर टीचर्स तक सभी को कभी पुलिस स्टेशन, कभी सांझ केंद्र तो कभी कमिश्नर दफ्तर के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। स्कूल प्रबंधकों की मांग है धक्के खाने की बजाय उन्हें कैंप लगा जानकारी दी जानी चाहिए कि वे पुलिस वैरीफिकेशन करवाने कब और कहां जाएं। इससे वे स्कूल में बज्जों को पढ़ाने का भी पूरा समय दे पाएंगे।
 

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