Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Sep, 2017 08:47 AM
पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल ने कहा है कि 1 जुलाई से जी.एस.टी. को भारत में लागू करने के पश्चात उसके अध्यादेशों की पालना करना व्यापारियों के लिए मील का पत्थर साबित हो रहा है।
जालंधर(धवन): पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल ने कहा है कि 1 जुलाई से जी.एस.टी. को भारत में लागू करने के पश्चात उसके अध्यादेशों की पालना करना व्यापारियों के लिए मील का पत्थर साबित हो रहा है। आए दिन नए-नए सर्कुलर व संशोधन लाए जा रहे हैं, जिससे करदाताओं में असमंजस का माहौल बना हुआ है।
कठोर जी.एस.टी. से व्यापार तबाह हो रहा है व्यापार मंडल के अध्यक्ष प्यारे लाल सेठ, महामंत्री सुनील मेहरा, समीर जैन तथा सचिव एल.आर. सोढी व महिन्द्र अग्रवाल ने कहा कि जी.एस.टी. पोर्टल की त्रुटियों से परेशान 25 लाख व्यापारी अपना रिटर्न जमा करवाने में असमर्थ रहे हैं। जी.एस.टी. हैल्पडैस्क पर रोजाना 1 लाख से अधिक व्यापारी अपनी समस्याएं लेकर कॉल कर रहे हैं, परन्तु उनकी सहायता में हैल्पडैस्क लाचार दिखाई दे रहा है।
व्यापार मंडल के अध्यक्षों ने कहा कि सरकार के सॉफ्टवेयर वैंडर करोड़ों रुपए लेने के बावजूद सही काम नहीं कर रहे। व्यापारी अपनी समस्याएं लेकर जब विभाग के पास जाते हैं तो उन्हें जी.एस.टी. हैल्पडैस्क का फोन नम्बर तथा ई. मेल आई.डी. हाथ में थमा दी जाती है। ऐसे में व्यापारियों के पास हाईकोर्ट जाने के अलावा कोई चारा नहीं बचा है। उन्होंने कहा कि कई व्यापारियों ने अपनी समस्याओं को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी है।
सरकार अपने जी.एस.टी. पोर्टल व सर्वर को इतने समय में सुचारू ढंग से चला नहीं पाई। उन्होंने कहा कि सरकार अगर जी.एस.टी. व इंकम टैक्स का पूर्ण ऑनलाइन अनुपालन चाहती है तो उन्हें व्यापारियों को जिला स्तर पर 24 घंटे हैल्पलाइन उपलब्ध करवानी चाहिए जो तुरन्त व्यापारियों की समस्याओं का समाधान करवाए। व्यापार मंडल के अध्यक्षों ने कहा कि व्यापार मंडल सरकार से मांग करता है कि गैर-कम्पनी करदाताओं के लिए रिटर्न मासिक से हटाकर त्रिमासिक किया जाए।
रिटर्न दाखिल करने के समय इनवॉयस मैङ्क्षचग की धारा तथा रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म को खत्म किया जाए। यह दुनिया के किसी भी देश में लागू नहीं है। व्यापारी नेताओं संतोष गुप्ता, परमिन्द्र बहल, राधेश्याम आहूजा, निर्मल मल्होत्रा, प्रमोद गुप्ता व ओ.पी. गुप्ता ने कहा कि सरकार अगर जी.एस.टी. को सही ढंग से लागू करना चाहती है तो जी.एस.टी. कौंसिल में व्यापारियों को प्रतिनिधित्व दिया जाए ताकि सरकार को जमीनी स्तर के हालात की जानकारी मिल सके। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की आंखें जी.डी.पी. दर में आई कमी से खुल जानी चाहिएं। देश में व्यापार डेंजर जोन में आ चुका है। सरकार को तुरन्त कदम उठाकर जी.डी.पी. में और गिरावट आने से रोकनी चाहिए।