अब ग्रामीण विद्यार्थी भी बनेंगे कुशल कारीगर

Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Dec, 2017 12:44 PM

rural students

गिल रोड पर मल्टी स्किल डिवैल्पमैंट सैंटर जरूरतमंद प्रशिक्षुओं को कुशल कारीगर बनाने में तो वरदान साबित हो ही रहा है, इसके साथ ही अब ग्रामीण शिक्षार्थियों को मुफ्त पढ़ाई के साथ आने-जाने का खर्च भी मिलने लगा है। जिसका शिक्षार्थी भरपूर लाभ ले रहे हैं।...

लुधियाना (महेश): गिल रोड पर मल्टी स्किल डिवैल्पमैंट सैंटर जरूरतमंद प्रशिक्षुओं को कुशल कारीगर बनाने में तो वरदान साबित हो ही रहा है, इसके साथ ही अब ग्रामीण शिक्षार्थियों को मुफ्त पढ़ाई के साथ आने-जाने का खर्च भी मिलने लगा है। जिसका शिक्षार्थी भरपूर लाभ ले रहे हैं। संस्था की प्रमुख स्वाती ठाकुर और प्रशिक्षक जतिंद्रपाल सिंह ने बताया कि मार्च 2017 में शुरू हुए इस सैंटर में पहले तो सिर्फ शहरी प्रशिक्षुओं के लिए पाठ्यक्रम शुरू किए गए थे, लेकिन पंजाब सरकार की तरफ से मिल रहे लगातार सहयोग और प्रेरणा के चलते अब संस्था में ग्रामीण युवक-युवतियों के लिए पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं। पहले चरण में नवम्बर 2017 में 3 पाठ्यक्रम जिनमें सिलाई मशीन आप्रेटर, कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव और कम्प्यूटर न्यूमैरिकल कंट्रोल शुरू किए गए हैं। इन 3 पाठ्यक्रमों के पहले बैच में 85 शिक्षार्थी प्रशिक्षण ले रहे हैं।


कुछ कोर्स के लिए फीस देनी अनिवार्य
जङ्क्षतद्रपाल ने बताया कि सैंटर में चल रहे शार्ट टर्म पाठ्यक्रमों में इंडस्ट्रीयल सिलाई मशीन आप्रेटर, असिस्टैंट फैशन डिजाइङ्क्षनग, कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमैंट, असिस्टैंट जिम ट्रेनर और फिटर मैकेनिकल असैंबली कोर्स शामिल हैं। इसके अलावा कुछ ऐसे कोर्स भी करवाए जाते हैं, जिनमें प्रशिक्षुओं को फीस भी देनी होती है। इनमें कम्प्यूटर अकाऊंटिंग, अशोक लेलैंड सॢवस टैक्रीशियन और फैशन डिजाइङ्क्षनग कोर्स शामिल हैं। इन सभी पाठ्यक्रमों के लिए  10वीं या 12वीं पास होना जरूरी है। लड़कियों के लिए मुफ्त होस्टल की सुविधा भी है, जबकि लड़कों का होस्टल भी जल्द ही बन कर तैयार हो जाएगा। इस सैंटर में प्रात: काल 9 बजे से शाम 5 बजे तक प्रशिक्षण दिया जाता है। उन्होंने बताया कि अब तक इस सैंटर से करीब 186 शिक्षार्थी प्रशिक्षण लेकर अपने पैरों पर खड़े होने में सफल रहे हैं। इन शिक्षार्थियों में से 110 की विभिन्न औद्योगिक इकाइयों में प्लेसमैंट हो चुकी है और वे अच्छा वेतन ले रहे हैं, जबकि शेष शिक्षार्थियों ने अपने रोजगार या तो शुरू कर लिए हैं या फिर शुरू करने की तैयारी में हैं। 

मुफ्त पढ़ाई के साथ आने-जाने का भी मिल रहा खर्च 
स्वाती ने बताया कि ग्रामीण शिक्षार्थियों को जहां बिल्कुल नि:शुल्क शिक्षा दी जा रही है, वहीं आने-जाने के लिए प्रतिदिन 109 रुपए के हिसाब से किराया भी दिया जा रहा है। ग्रामीण शिक्षार्थियों को किराए की सुविधा पंजाब स्किल डिवैल्पमैंट सैंटर की तरफ से दी जा रही है। यह सुविधा लेने के लिए शिक्षार्थियों को 80 प्रतिशत उपस्थिति दर्ज करानी अनिवार्य है और यह राशि सीधा उनके बचत खाते में जमा करवाई जाती है। संस्था को चलाने वाले ग्राम तरंग की तरफ से शिक्षार्थियों को प्रशिक्षण दौरान बैग, किताबें, वर्दी और कक्षाओं में टैबलेट भी मुफ्त उपलब्ध करवाए जाते हैं।
 

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