Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Dec, 2017 01:49 PM
प्रमुख हाईवे व ङ्क्षलक सड़कों पर सरिए से भरे व ओवरलोडिड मौत का सौदागर बने ट्रक व ट्रालों ने जहां कई परिवारों के चिराग बुझा दिए हैं, वहीं कई लोगों को अपाहिज भी बना दिया है जिस तरफ प्रशासन, ट्रैफिक पुलिस एवं संबंधित विभाग द्वारा ध्यान न देने के चलते...
सुल्तानपुर लोधी (धीर): प्रमुख हाईवे व ङ्क्षलक सड़कों पर सरिए से भरे व ओवरलोडिड मौत का सौदागर बने ट्रक व ट्रालों ने जहां कई परिवारों के चिराग बुझा दिए हैं, वहीं कई लोगों को अपाहिज भी बना दिया है जिस तरफ प्रशासन, ट्रैफिक पुलिस एवं संबंधित विभाग द्वारा ध्यान न देने के चलते इनके द्वारा मौत का खूनी खेल लगातार जारी है। ऐसे ओवरलोडिड वाहनों के कारण कई लोग कोमा में पड़े जिंदगी व मौत से जंग लड़ रहे हैं और उनका उपचार करवाते-करवाते घरवालों का सब कुछ बिक गया है।
ट्रक व ट्राले की पीछे की लाइटें भी होती हैं बंद
आम तौर पर देखा गया है कि सरिए से भरे लंबे ट्रक व ट्राले के पीछे सरिया बाडी से बाहर निकला होता है। शहर के मुख्य हाईवे पर मोड़ काटने के दौरान चालक को अपने पीछे आने वाले वाहन का पता नहीं चलता व कई बार तो ट्रक व ट्राले की पीछे की लाइटें भी बंद होती हैं। रात के समय वाहन चलाने वाले कार व अन्य वाहन चालकों को यह पता नहीं चलता कि आगे जा रहे ट्रक में सरिया लदा हुआ है व देखते ही देखते वह सरिया पीछे आ रही कार व अन्य वाहनों में धंस जाता है जिससे कई जानें चली जाती हैं।
ढाबों पर लंबी कतारों में खड़े होते हैं सरिए से भरे ट्रक व ट्राले
प्रमुख हाईवे पर बने हुए ढाबों पर सड़क के दोनों किनारों पर बड़ी संख्या में सरिए से भरे ट्रक व ट्राले खड़े होते हैं व इनके ड्राइवर ट्रक को सड़क के किनारे खड़े करके खुद खाना खाने चले जाते हैं। सरिए से भरे ओवरलोडिड ट्रक व ट्राले के ड्राइवर अधिकतर रात के समय चलाते हैं व इनके द्वारा की जा रही लापरवाही कइयों की मौत का कारण बन जाती है।
धुंध के समय दुर्घटनाओं का सबब बनते हैं ऐसे वाहन
सर्दी के मौसम में सुबह व रात के समय पडऩे वाली घनी धुंध में ऐसे ओवरलोडिड ट्रक व ट्राले दुर्घटनाओं का सबब बनते हैं। इतना ही नहीं इन सरिया लदे ट्रक व ट्राले सहित कई अन्य ट्रकों पर रिफ्लैक्टर न होने के कारण धुंध में पीछे से आ रहे वाहन को इनके चलने या खड़े होने का पता ही नहीं चलता जिसका परिणाम सड़क दुर्घटनाओं के रूप में सामने आता है।