Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Sep, 2017 01:00 PM
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह के शाही शहर के आम लोगों के साथ जुड़े सरकारी विभाग आर.टी.ए. दफ्तर पटियाला की बागडोर एक ड्राइवर के हाथ में होने बारे हैरानी हुई पर दफ्तर जाकर देखा तो असल में यह हैरानीजनक तथ्य तब सही प्रतीत होने लगा जब ड्राइवर खुद...
पटियाला/रखड़ा (राणा): मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह के शाही शहर के आम लोगों के साथ जुड़े सरकारी विभाग आर.टी.ए. दफ्तर पटियाला की बागडोर एक ड्राइवर के हाथ में होने बारे हैरानी हुई पर दफ्तर जाकर देखा तो असल में यह हैरानीजनक तथ्य तब सही प्रतीत होने लगा जब ड्राइवर खुद छुट्टी वाले दिन आम लोगों की ओवरलोड गाडिय़ों के चालानों की रसीदों की अदायगी करवा रहा था।
3 हफ्ते पहले इस ड्राइवर की बदली के आदेश पटियाला से संगरूर के हो चुके हैं पर इस ड्राइवर का पटियाला दफ्तर के साथ इतना लगाव हो गया है कि वह संगरूर की बदली होने के बावजूद पटियाला दफ्तर में ही अपनी सेवाएं दे रहा है। इतना ही नहीं नाकों और चैकिंग दौरान भी इस ड्राइवर की भूमिका अफसरों वाली होती है और मौजूदा अफसर से अधिक यह ड्राइवर अफसरी झाड़ता देखा जा सकता है।
भ्रष्टाचार खत्म होने के दावे उस समय ठुस्स होते नजर आते हैं जब अफसर भी लोगों को वाहनों के कागजात चैक करवाने के लिए ड्राइवर को दिखाने की बात करता है। फिर पता चला कि कागजात चैक करवाने का मतलब लेन-देन की सैटिंग करना होता है। आम लोगों को अपना काम कम समय में करवाने की मजबूरी का ये लोग नाजायज फायदा उठाते हैं।
ढुलाई वाले आम ट्रक कर रहे हैं क्रशर टिप्परों का काम
ढुलाई के आम कार्यों के लिए बने आम ट्रक भारी लोड का काम करने के लिए मजबूर हैं जबकि रेत, बजरी, सीमैंट, गटका पत्थर व मिट्टी उठाने के लिए टिप्पर ही इस्तेमाल करने चाहिएं। वहीं बंद बॉडी वाले ट्रकों को लोडिंग के कार्यों के लिए इस्तेमाल किया जाता है पर पंजाब सरकार ने समूची ट्रक यूनियनें भंग करके बेरोजगारी में भारी वृद्धि की है।