Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Oct, 2017 12:52 PM
3 अप्रैल 2016 को भैणी साहिब में माता चंद कौर की मोटरसाइकिल सवार 2 हत्यारों द्वारा की हत्या से लेकर अब तक हुई 7 हाईप्रोफाइल हत्याओं के पीछे बकौल डी.जी.पी. व सरकार अगर आतंकी संगठनों का हाथ है तो फिर इन हत्याओं को सुलझाने के लिए अलग-अलग पैमाना क्यों...
लुधियाना(पंकज): 3 अप्रैल 2016 को भैणी साहिब में माता चंद कौर की मोटरसाइकिल सवार 2 हत्यारों द्वारा की हत्या से लेकर अब तक हुई 7 हाईप्रोफाइल हत्याओं के पीछे बकौल डी.जी.पी. व सरकार अगर आतंकी संगठनों का हाथ है तो फिर इन हत्याओं को सुलझाने के लिए अलग-अलग पैमाना क्यों निर्धारित किया गया है। इस सवाल का जवाब आम जनमानस में चर्चा का विषय बनता जा रहा है।
आर.एस.एस. नेता रविन्द्र गोसाईं की गत दिवस हुई हत्या के मामले की जांच मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह द्वारा केन्द्रीय जांच एजैंसी एन.आई.ए. के हवाले करने का ऐलान किया गया है, जोकि शीघ्र लुधियाना पहुंच जांच शुरू करने जा रही है। गोसाईं की हत्या भी मोटरसाइकिल सवार 2 हत्यारों द्वारा की गई थी, जोकि अभी तक हुई जांच में जालंधर में हुई आर.एस.एस. नेता ब्रिगेडियर जगदीश गगनेजा के हत्यारों जैसे बताए जाते हैं। गगनेजा पर हमला 6 अगस्त 2016 को हुआ था और बाद में डी.एम.सी. अस्पताल में चंद दिनों बाद उनकी मौत हो गई थी। उस समय के उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल व डी.जी.पी. सुरेश अरोड़ा ने इस घटना को भी आतंकी घटना करार दिया था और तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने माता चंद कौर व गगनेजा की हत्याओं का मामला सी.बी.आई. को सौंपते हुए आशंका जताई थी कि सीमा पार से रची गई गगनेजा की हत्या की साजिश पंजाब का शांत माहौल खराब करना है।
वहीं, इस दौरान 23 अप्रैल 2016 को खन्ना में शिव सेना नेता दुर्गा दास गुप्ता की हत्या भी मोटरसाइकिल सवार 2 युवकों द्वारा गोलियां मारकर की गई थी, जबकि 14 जनवरी 2017 को हिंदू तख्त के अमित शर्मा व 25 फरवरी को डेरा प्रेमी पिता-पुत्र सतपाल शर्मा व रमेश की हत्या भी उसी अंदाज में मोटरसाइकिल सवार 2 हत्यारों द्वारा की गई थी। इसके बाद पास्टर सुल्तान मसीह की 16 जून को हुई हत्या को भी डी.जी.पी. अरोड़ा ने आतंकी घटना करार देते हुए राज्य में साम्प्रदायिक तनाव पैदा करने की साजिशों में लगे आतंकियों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया।अगर माता चंद कौर, ब्रिगेडियर जगदीश गगनेजा, दुर्गा दास गुप्ता, डेरा प्रेमी पिता-पुत्र सतपाल शर्मा व रमेश, अमित शर्मा व पास्टर सुल्तान मसीह से लेकर रविन्द्र गोसाईं की हत्या पीछे जैसे की उनमें वारदात का तरीका, हत्यारों की गिनती, एक जैसे वैपन व खासकर आतंकी संगठन का ही हाथ है तो सबकी जांच का पैमाना अलग-अलग होने की बजाय, अगर सभी मामले एक सी.बी.आई. अथवा एन.आई.ए. होती तो शायद इसका परिणाम समय रहते सार्थक निकल पाता। एक जैसे मामलों की जांच अलग-अलग एजैंसियों के हाथों में दिए जाने संबंधी फैसलों को लेकर लोगों में खासी चर्चा है।