Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Oct, 2017 12:36 PM
आर.एस.एस. के शाखा प्रमुख रविंद्र गोसाईं की नृशंस हत्या के बाद अपराधियों का जिले भर में किया गया अलर्ट और नाकाबंदी धरी की धरी रह गई। न तो पुलिस हत्यारों को पकड़ पाई और न ही उनका कोई सुराग लगा पाई। पुलिस अलर्ट की बात तो इसी से साबित हो जाती है कि घटना...
लुधियाना(महेश): आर.एस.एस. के शाखा प्रमुख रविंद्र गोसाईं की नृशंस हत्या के बाद अपराधियों का जिले भर में किया गया अलर्ट और नाकाबंदी धरी की धरी रह गई। न तो पुलिस हत्यारों को पकड़ पाई और न ही उनका कोई सुराग लगा पाई। पुलिस अलर्ट की बात तो इसी से साबित हो जाती है कि घटना के करीब 1 घंटे बाद इलाके के थाना प्रभारी जसविंद्र सिंह मौके पर पहुंचे। इतना बड़ा हत्याकांड होने के बाद थाने से हैड-कांस्टेबल लेबर के मुलाजिम ही पहुंचे। जब इनसे थाना प्रभारी के बाबत पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह रात को लूट होने की वजह से देर रात तक छानबीन करते रहे। कुछ ही देर में वह आए जाएंगे। उधर, जब आर.एस.एस. नेता की हत्या होने का पता भाजपा की लीडरशिप को चला और लुधियाना से लेकर चंडीगढ़ तक उच्चाधिकारियों के फोन घनघनाने शुरू हुए तो ऊपरी लॉबी हरकत में आई।
इसके बाद पुलिस कमिश्नर से लेकर काऊंटर इंटैलीजैंस के आई.जी. अमित प्रसाद, एस.एस.पी. गुरप्रीत सिंह तूर, डी.एस.पी. रमनीश चौधरी भी पहुंचे। उल्लेखनीय है कि दीवाली के त्यौहार को लेकर पुलिस के उच्चाधिकारी बार-बार दावा कर रहे थे कि शहर की सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से चाक-चौबंद है, लेकिन इस घटना ने पुलिस की कार्यप्रणाली की पोल खोल कर रख दी थी। घटना के बाद नाकाबंदी को लेकर जब पंजाब केसरी की टीम ने आसपास का दौरा किया तो कैलाश नगर, बस्ती जोधेवाल चौक, सलेम टाबरी, अशोक नगर, बाबा थान सिंह चौक, हैबोवाल कलां, सिविल अस्पताल इत्यादि इलाकों में कहीं भी नाकाबंदी नहीं नजर आई। अधिकतर लोगों का यही कहना है कि पुलिस सिर्फ कागजों में ही नाकाबंदी दिखाती है। नीचे स्तर के कई अधिकारी तो नाकाबंदी के नाम पर आला अधिकारियों की आंखों में धूल झोंकते हैं।
एस.एस.पी. ने नहीं दिया कोई जवाब
रविंद्र गोसाईं के कत्ल के मामले में जब काऊंटर इंटैलीजैंस के एस.एस.पी. गुरप्रीत सिंह से बातचीत की गई तो उन्होंने किसी भी बात का जवाब नहीं दिया और बार-बार सवाल करने पर एक ही जवाब देते रहे कि बाद में बात करेंगे।
क्राइम सीन के पास खड़े रहे लोग
किसी संगीन आपराधिक मामले को हल करने के लिए क्राइम सीन को सुरक्षित रखना बेहद जरूरी होता है। अपराधी कितना ही चालाक क्यों न हो वह कोई न कोई अपराध का सबूत छोड़ ही जाता है और काबिल अधिकारी की नजरों में आने से अपराधी पकड़ में आ जाता है, परंतु इस मामले में पुलिस न तो क्राइम सीन को सुरक्षित रख पाई और न ही कोई सबूत जुटा पाई। क्राइम सीन के पास लोगों की भीड़ जमा रही, लीडर बयान देते रहे और पुलिस मूकदर्शक बनकर खड़ी रही।
नाम लेकर पुकारा हत्यारों ने
गोसाईं की बड़ी बहू नीरू गोसाईं ने बताया कि घटना आज प्रात: करीब 7.20 बजे की है। उनके ससुर शाखा से लौटने के बाद अपनी दिनचर्या के मुताबिक अपनी 4 साल की पोती दीक्षा व पोते दीक्षित को साथ लेकर गली के कुत्तों को बिस्कुट डालने के बाद घर के बाहर थड़ी पर बैठे थे। तभी पीले रंग के मोटरसाइकिल पर 25 से 30 वर्ष के बीच 2 नाकाबपोश आए, जिन्होंने गोसाईं को उनका नाम लेकर पुकारा और पीछे बैठे नकाबपोश ने उन पर 2 गोलियां दाग दीं। एक गोली पीछे से उनके सिर व दूसरी पीठ पर लगी, जिससे वह वहीं ढेर हो गए और उन्होंने मौके पर ही दम तोड़ दिया। नीरू ने बताया कि उसने शोर मचाते हुए हत्यारों का गली के मोड़ तक पीछे भी किया। इस बीच उसका पति दीपक गोसाईं भी उन्हें पकडऩे के लिए पीछे दौड़ा, लेकिन वे हत्यारों को पकड़ नहीं पाए।
हत्यारों ने डेयरी संचालक से पूछा था कि कब आएंगे गोसाईं
वारदात को अंजाम देने से पहले मोटरसाइकिल सवार हत्यारों ने गोसाईं के घर के नजदीक एक डेयरी संचालक से गोसाईं का घर और उनके लौटने के बारे में पूछा था। जब उस डेयरी संचालक ने उनसे पूछताछ की तो उन्होंने जवाब दिया कि उन्हें गोसाईं से काम है। तब उस डेयरी संचालक ने कहा कि गोसाईं आने ही वाले हैं।
कांग्रेसी पार्षद ने आरोपों को नकारा
मृतक के बेटे मोहित का आरोप है कि रघुनाथ नगर में मंत्रण पार्क में शाखा लगाने को लेकर उनका इलाका कांग्रेसी पार्षद वरिंद्र सहगल से विवाद चल रहा था। उसके पिता ने पार्क की जगह को लेकर आर.टी.आई. भी डाल रखी थी और उन्हें लगातार जान से मारने की धमकियां मिल रही थीं। कुछ दिन पहले सहगल के कुछ बंदों से उनकी गर्मागर्मी भी हुई थी। उसे संदेह है कि इसी विवाद के चलते उसके पिता की हत्या हुई है, जबकि सहगल का कहना है कि उनका रविंद्र से कोई विवाद नहीं था। वह पिछले 2 महीनों से उन्हें कभी मिला भी नहीं। उनका गोसाईं परिवार से बहुत प्रेम है। आज वह उनके घर और दाह संस्कार के वक्त श्मशान भी गए थे। बाकी पुलिस अपनी जांच कर रही है। सत्य अपने आप सामने आ जाएगा।