Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Dec, 2017 08:45 AM
आर.पी.एफ. (रेलवे प्रोटैक्शन फोर्स) द्वारा आज गिद्दड़बाहा रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 2 के साथ जाते कच्चे रास्ते से गुजरते दोपहिया वाहन चालकों के चालान करने पर लोगों ने विरोध करते हुए हंगामा किया।
गिद्दड़बाहा (कुलभूषण): आर.पी.एफ. (रेलवे प्रोटैक्शन फोर्स) द्वारा आज गिद्दड़बाहा रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 2 के साथ जाते कच्चे रास्ते से गुजरते दोपहिया वाहन चालकों के चालान करने पर लोगों ने विरोध करते हुए हंगामा किया। इससे वहां पर माहौल काफी गर्म हो गया। आर.पी.एफ. के एस.आई. चुन्नी लाल ने अन्य कर्मचारियों के साथ रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नं. 2 पर नाकाबंदी करके वहां से निकलने वाले दोपहिया वाहन चालकों के चालान करने शुरू कर दिए, जिस पर रेलवे स्टेशन के पार रहते गिद्दड़बाहा गांव वासियों और मोहल्ला बैंटाबाद के निवासियों ने विरोध शुरू कर दिया।
इस संबंधी गुरप्रीत सिंह मान, गुरदीप सिंह, मक्खन सिंह मिस्त्री, सोनी सिंह, सन्दीप सिंह, नरेश कुमार, सुरेश सिंह, जगसीर सिंह आदि ने बताया कि गिद्दड़बाहा रेलवे स्टेशन शहर के लगभग के बीच में स्थित है, जिस के चलते एक भाग को गिद्दड़बाहा शहर के रूप में जाना जाता है और दूसरा भाग गिद्दड़बाहा गांव और मोहल्ला बैंटाबाद के रूप में जाना जाता है। उन्होंने बताया कि वे लोग गिद्दड़बाहा गांव व मोहल्ला बैंटाबाद के निवासी हैं और रेलवे विभाग की तरफ से प्लेटफार्म नंबर 2 के साथ लगती कच्ची सड़क के दोनों तरफ दोपहिया वाहनों का यातायात रोकने के लिए कोई भी प्रबंध नहीं किया हुआ और न ही वाहनों का यातायात रोकने संबंधी कोई साइन बोर्ड ही लगाया गया है।
उन्होंने बताया कि इस इलाके के लोग रेलवे की दीवार के साथ विभाग द्वारा छोड़ी गई गलियों के द्वारा आते-जाते हैं, जबकि उक्त दीवार कई जगह से टूटी हुई है। वे अक्सर ही उक्त रास्ते का इस्तेमाल अपने दोपहिया वाहन चलाने के लिए नहीं करते, बल्कि किसी विशेष स्थिति में ही वाहन इस रास्ते पर चलाते हैं। उन्होंने कहा यदि यह कानून के विरुद्ध है तो वह कानून की पालना करते हैं परंतु साथ ही रेलवे द्वारा इस संबंधी साइन बोर्ड और गेट आदि लगाने चाहिए जिससे कोई भी वाहन यहां से गुजर न सके।
क्या कहते हैं एस.आई. चुन्नी लाल
एस.आई. चुन्नी लाल ने कहा कि वह अपनी ड्यूटी कर रहे हैं और किसी भी वाहन चालक को रेलवे की हद में वाहन चलाने की इजाजत नहीं है। जब उनसे टूटे हुए गेटों और टूटी हुई रेलवे की दीवार बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस संबंधी सारी जिम्मेदारी स्थानीय रेलवे स्टेशन मास्टर की है। यह दीवार किस व्यक्ति ने तोड़ी है इस बारे में भी वह ही जानकारी दे सकते हैं। जब उक्त मामले संबंधी ड्यूटी पर मौजूद स्टेशन मास्टर एस.एस. चड्ढा के साथ बातचीत करनी चाही तो उन्होंने कुछ भी नहीं बोला।