Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Dec, 2017 12:22 PM
ओ.बी.सी. बैंक की चीमा चौक स्थित ब्रांच की दीवार तोड़कर चोर अंदर घुस आए और कटर से स्ट्रांग रूम का लॉक काटकर चोरी का प्रयास किया लेकिन लॉक तोडऩे में असफल रहने के कारण उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा। पता चलते ही आई.पी.एस. संदीप गर्ग, ए.सी.पी. सैंट्रल...
लुधियाना(ऋषि): ओ.बी.सी. बैंक की चीमा चौक स्थित ब्रांच की दीवार तोड़कर चोर अंदर घुस आए और कटर से स्ट्रांग रूम का लॉक काटकर चोरी का प्रयास किया लेकिन लॉक तोडऩे में असफल रहने के कारण उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा। पता चलते ही आई.पी.एस. संदीप गर्ग, ए.सी.पी. सैंट्रल मनदीप सिंह, फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट घटनास्थल पर पहुंचे और जांच में जुट गए। इस मामले में थाना डिवीजन नं. 6 की पुलिस ने बैंक मैनेजर सुरिंदर टंडन निवासी अर्बन एस्टेट की शिकायत पर अज्ञात चोरों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। बैंक से मात्र 10 कदमों की दूरी पर पुलिस का पक्का नाका है और हर समय वहां पुलिस फोर्स मौजूद रहती है। लेकिन फिर भी चोर इतनी बड़ी वारदात करने पहुंच गए। वहीं बैंक के आसपास स्मार्ट सिटी के कैमरे तो लगे हुए हैं लेकिन वे चल नहीं रहे। थाना प्रभारी इंस्पैक्टर दविंदर सिंह के अनुसार पुलिस को दिए बयान में ब्रांच मैनेजर ने बताया कि 23 दिसम्बर से 25 दिसम्बर तक 3 सरकारी छुट्टियां थी। 22 दिसम्बर को हर रोज की तरह शाम को वे ब्रांच लॉक कर घर गए थे। मंगलवार सुबह लगभग 9 बजे जब उन्होंने बैंक आकर ब्रांच के लॉक खोले तो अंदर एक दीवार टूटी और गैस सिलैंडर पड़े देख दंग रहे गए। उन्होंने तुरंत पुलिस कंट्रोल रूम पर फोन किया।
5 वर्षों से बंद इमारत के रास्ते पहुंचे अंदर
बैंक के बिल्कुल साथ बी.आर.एस. नगर के रहने वाले सतीश कुमार नामक व्यक्ति की इमारत है जो वर्ष 2012 से बंद पड़ी है। चोर दीवार फांदकर पहले उस इमारते में पहुंचे। जहां से बैंक की दीवार तोड़कर अंदर घुसे और उसी रास्ते से वापस गए।
एक सिलैंडर खाली तो दूसरे में थी नाइट्रोजन गैस
23 दिसम्बर को घुसे चोरों से बैंक में लॉक नहीं टूटा तो सोमवार रात को खाली इमारत से एक ओर ङ्क्षबद्रा हार्डवेयर दुकान की पीछे की दीवार तोड़ी और अंदर से 2 गैस सिलैंडर लेकर खाली इमारत के रास्ते बैंक के अंदर पहुंचे। लेकिन चोरों की खराब किस्मत के आगे वे भी काम न आ सके। एक आक्सीजन का गैस सिलैंडर खाली होने के कारण और दूसरा नाइट्रोजन से भरा होने के कारण प्रयोग में न आ सका जिस कारण दोनों को खाली हाथ लौटना पड़ा। अगर दोनों सिलैंडरों में गैस होती तो काफी बड़ा नुक्सान हो सकता था।