Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Nov, 2017 11:43 AM
जोधेवाल के नूरवाला रोड पर मनी एक्सचेंजर के यहां हुई लूट के मामले में पुलिस ने 24 घंटे के भीतर 2 आरोपियों को बड़े ही नाटकीय ढंग से गिरफ्तार करके इसका पटाक्षेप कर दिया है। लूट की इस वारदात को मामले की शिकायतकर्ता सारणी शर्मा के एक दोस्त ने अपने एक...
लुधियाना(महेश): जोधेवाल के नूरवाला रोड पर मनी एक्सचेंजर के यहां हुई लूट के मामले में पुलिस ने 24 घंटे के भीतर 2 आरोपियों को बड़े ही नाटकीय ढंग से गिरफ्तार करके इसका पटाक्षेप कर दिया है। लूट की इस वारदात को मामले की शिकायतकर्ता सारणी शर्मा के एक दोस्त ने अपने एक साथी के साथ मिलकर अंजाम दिया था, जोकि अपनी बहन के पास दुबई जाने का इच्छुक था।पुलिस ने इनके कब्जे से 3.84 लाख की नकदी व वारदात में इस्तेमाल स्कूटी जब्त कर ली है, जबकि चाकू की बरामदी होनी अभी बाकी है। पुलिस का कहना है कि आरोपियों को रिमांड पर लेकर जल्द ही इसकी भी बरामदी करवा ली जाएगी।
ए.डी.सी.पी. राजवीर सिंह बोपाराय, ए.सी.पी. पवनजीत चौधरी ने बताया कि पकड़े गए मुख्य आरोपी की पहचान काकोवाल रोड नंदा कालोनी के सोनू (24) व उसके साथी शिमला कालोनी के दर्शित शर्मा (23) के रूप में हुई है। इन्हें सूचना के आधार पर कैलाश नगर रोड पर नाकाबंदी के दौरान काबू किया। ये दोनों बिना नंबरी जूपिटर स्कूटी पर सवार होकर जा रहे थे।बोपाराय ने बताया कि सोनू बेरोजगार है। उसके पिता नंद किशोर का साया उसके सिर से उठ चुका है। उसकी बड़ी बहन बिन्नी दुबई में है, जो घर का खर्चा चलाने के लिए हर महीने सनी को 15,000 रुपए भेजा करती थी, जबकि दर्शित सुंदर नगर के मायापुरी इलाके में एक हौजरी कारोबारी के पास मार्कीटिंग का काम करता है। लूट की राशि दॢशत के ऑफिस से बरामद करवाई गई। जो उसने एक कूलर में छुपाकर रखी हुई थी। जबकि लूट की वारदात को सोनू ने अंजाम दिया था। दोनों आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। बोपाराय ने बताया कि फिलहाल अभी तक की गई जांच में सारणी की कोई भूमिका सामने नहीं आई है, लेकिन उसे क्लीन चिट भी नहीं दी गई है।
योजना में दर्शित को किया शामिल
ए.डी.सी.पी. राजवीर सिंह बोपाराय ने बताया कि ऑफिस में काम करने वाली सारणी के दोस्त सोनू को जब इस बात का पता चल गया कि सारणी का मालिक शहर से बाहर है तो उसने लूट की योजना बनाई। पैसों का लालच देकर उसने अपने दोस्त दर्शित को भी राजी कर लिया। लोगों की नजरों से बचने के लिए उसने दर्शित की स्कूटी का इस्तेमाल किया, जबकि उसके पास खुद की एक्टिवा भी है। उसकी सोच थी कि अगर वह अपनी एक्टिवा पर इस वारदात को अंजाम देगा तो सभी की निगाह में आकर पकड़ा जाएगा। करीब 9 बजे दॢशत की स्कूटी लेकर वह सारणी के ऑफिस पहुंचा। स्कूटी उसने ऑफिस से कुछ कदमों की दूरी पर खड़ी कर दी। सारणी उसे पहचान न पाए इसके लिए उसने मुंह पर रूमाल बांध लिया और सिर हूडी से ढंक लिया था।