मामला HDFC बैंक से लूट का मामलाःएक और लुटेरा गिरफ्तार,14 लाख रुपए बरामद

Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Nov, 2017 09:19 AM

robbers arrested by the police

भोगपुर के निकट से एच.डी.एफ.सी. बैंक की कैश लोड वैन से 1.18 करोड़ रुपए लूट कर फरार हुए लुटेरों में से एक और लुटेरे को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार लुटेरे जसकरण सिंह उर्फ बाऊ पुत्र बलविन्द्र सिंह वासी हरचोवाल (गुरदासपुर) से पुलिस ने लूट की...

जालंधर (प्रीत) : भोगपुर के निकट से एच.डी.एफ.सी. बैंक की कैश लोड वैन से 1.18 करोड़ रुपए लूट कर फरार हुए लुटेरों में से एक और लुटेरे को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार लुटेरे जसकरण सिंह उर्फ बाऊ पुत्र बलविन्द्र सिंह वासी हरचोवाल (गुरदासपुर) से पुलिस ने लूट की राशि में से 14 लाख रुपए बरामद कर लिए हैं। इस तरह लूट की वारदात को अंजाम देने वाले 7 लुटेरों में से 2 पुलिस के हत्थे चढ़ चुके हैं। फरार लुटेरों की तलाश में पुलिस टीमें कपूरथला, गुरदासपुर, अमृतसर में लगातार छापेमारी कर रही हैं। 

उल्लेखनीय है कि बीते दिन दोपहर के समय भोगपुर एरिया में ए.टी.एम. में कैश लोड करने के पश्चात गांव ढींगरियां की तरफ जा रही रेडियंट कैश कम्पनी की वैन को रोककर लुटेरों ने कर्मचारियों को बंधक बना लिया और वैन से नकदी लूट कर फरार हो गए। सूचना मिलते ही हरकत में आई जालंधर देहात पुलिस ने नाकाबन्दी की और करतारपुर से गांव चीमा रोड पर डी.एस.पी. करतारपुर सर्वजीत सिंह राए ने लुटेरे का पीछा किया और क्रॉस फायरिंग के पश्चात पुलिस ने कार सवार लुटेरे रणजीत सिंह को काबू कर लिया। डी.आई.जी. जालंधर रेंज जसकरण सिंह ने बताया कि वारदात कर भागते समय रणजीत सिंह पुलिस की गोली का शिकार बना। उसे अस्पताल ले जाया गया। 

गोली लगने से घायल रणजीत की हालत ठीक
डी.आई.जी. ने बताया कि गोली लगने से घायल रणजीत सिंह की हालत ठीक है। उसकी टांग पर 3 गोलियां लगी थीं। उन्होंने बताया कि पहली गोली रणजीत द्वारा चलाई गई, जबकि जवाबी फायरिंग के दौरान पहले डी.एस.पी. सर्वजीत राए ने गाड़ी के टायर पर गोली मारने की कोशिश की, लेकिन स्पीड ज्यादा होने के कारण सफल नहीं हो पाए। लेकिन गाड़ी खेतों में फंसी तो रणजीत काबू आ गया। कुल 7 राऊंड फायर हुए बताए गए हैं। 

गांव लखन में बांटे रुपए और अलग हो गए 
बैंक की कैश वैन लूट के मामले में गिरफ्तार किए गए जसकरण सिंह से पूछताछ में पता चला कि वारदात करके भागने के पश्चात उन्होंने गांव लखन के निकट एक निर्धारित स्थल पर इकट्ठे होना था। वह सभी वहां पहुंच गए, लेकिन रणजीत नहीं पहुंचा। जिससे शक हुआ कि शायद वह पुलिस की गिरफ्त में आ गया है। आरोपी जसकरण ने पुलिस को बताया कि गांव लखन के निकट ही उसे उसके हिस्से के करीब 14 लाख रुपए देकर हैप्पी, गोपी व अन्य वहां से चले गए। वह भी उनसे अलग होकर गुरदासपुर की तरफ चला गया। जसकरण के मुताबिक लूट की बाकी रकम हैप्पी, गोपी के पास है।

हैप्पी और गोपी हैं मास्टर माइंड
गिरोह के मास्टर माइंड सतिन्द्रपाल सिंह उर्फ हैप्पी तथा गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी हैं। हैप्पी पहले बैंक में ही कैश लोड की नौकरी कर चुका है। एक साल पहले उसने नौकरी छोड़ दी और उसके पश्चात फ्री था। हैप्पी ने अपने साथ उक्त सभी लोगों को जोड़ा और वारदात की योजना बनाई। पुलिस जांच में पता चला कि हैप्पी व गिरोह के अन्य सदस्य हमीरा फैक्टरी में काम करते रहे हैं। हैप्पी का गांव नडाला और गोपी का हरचोवाल नजदीक होने के कारण हैप्पी व गोपी में सम्पर्क हो गया। चूंकि गोपी जालंधर देहात पुलिस का ही मोस्ट वांटेड क्रिमिनल है। उसने हैप्पी के साथ मिलकर कैश लोडर वैन से लूट की योजना बना दी। 

डेरा संचालक प्रीतम सिंह की हत्या में भी वांछित है गोपी
गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी जालंधर देहात पुलिस को भोगपुर के गांव बढ़चूई में पिछले साल जून माह में हुई डेरा संचालक प्रीतम सिंह की हत्या में भी वांछित है। इसके अतिरिक्त गोपी के खिलाफ भुलत्थ, करतारपुर में भी लूट की वारदातों के केस दर्ज हैं।

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