Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Nov, 2017 10:02 AM
पंजाब और उत्तरी भारत घनी धुंध की चपेट में हैं जिससे सड़क हादसों में बढ़ौतरी हो गई है।
अमृतसर (सुमीत): पंजाब और उत्तरी भारत घनी धुंध की चपेट में हैं जिससे सड़क हादसों में बढ़ौतरी हो गई है। वहीं मौसम विभाग के अनुसार धुंध से जल्दी छुटकारा मिलने की संभावना नहीं है। हाई-वे पर चलने वाली लम्बी दूरी की बसों के ड्राइवर सबसे ज्यादा परेशान होते हैं। उन पर यात्रियों को उवके गंतव्यों तक सुरक्षित पहुंचाने की जिम्मेदारी होती है। रोडवेज उच्चाधिकारी दावे करते नहीं थकते कि उक्त बसों में धुंध से बचाव के सारे साधन मौजूद हैं, लेकिन सच्चाई कुछ और ही है। धुंध में जुगाड़ू साधनों से ड्राइवर बसें चलाने को मजबूर हैं। परिवहन विभाग कोई ध्यान नहीं दे रहा है। धुंध से निपटने के लिए बसों में सभी सुविधाएं देने के वायदे ठुस्स होते नजर आ रहे हैं।
जुगाड़ से लाइट बनाई पीली, कई नहीं कर रहीं कार्य
पाठकों से लगातार मिल रही जानकारी के आधार पर आज ‘पंजाब केसरी’ की टीम ने स्थानीय शहीद मदन लाल इंटर स्टेट बस टर्मिनल और डिपो नं.-1 व 2 का दौरा किया। जमीनी हकीकत बहुत चौंका देने वाली थी। टीम को कई ऐसी बसें मिली, जिन पर पीली लाइट तक नहीं लगी थी और कई की टेल लाइट ही कार्य नहीं कर रही थीं। अमृतसर से दिल्ली व अमृतसर से चंडीगढ़ जाने वाली कई बसों के ड्राइवरों से संपर्क कर उनकी बसों की हालत को कैमरे में कैद कर उनकी समस्याओं को जानने का प्रयास किया गर्या।
रिफ्लैक्टर न लगने से होती हैं कई दुर्घटनाएं
बस चालकों ने अपनी-अपनी समस्याओं से अवगत करवाया। उन्होंने बताया कि अगर सरकार उनको पूरे साधन दे या पुराने साधनों को अपडेट करवा दे तो उनकी कई समस्याएं हल हो जाएंगी। विभाग ने कई गाडिय़ों पर रिफ्लैक्टर तक नहीं लगाए जिससे धुंध में पीछे आ रहे या सामने से आने वाले वाहन चालकों को बस का पता नहीं चलता जिससे हादसा हो जाता है। कई चालक तो खुद ही उक्त सामग्री खरीद कर बसों में लगा रहे हैं ताकि हादसों से बचा जा सके।
क्या कहते हैं अधिकारी?
जी.एम.-1 हरजिन्द्र सिंह और जी.एम. -2 आई.जे. चावला ने कहा कि बसों में नई लाइट लगवाई जा रही हैं, जिन बसों में नहीं लगीं, उनमें जल्द ही लगवा दी जाएंगी। इसके अलावा स्पीड लिमिट पहले से ही तय है, उसका सही ढंग से पालन करवाया जाता है। जहां धुंध ज्यादा हो वहां स्पीड कम रखें।
जुगाड़ से लगाई लाइट
श्रीगंगानगर जाने वाली बस के चालक जसपाल सिंह ने बताया कि उन्होंने खुद ही जुगाड़ कर सफेद लाइट पीली बनाई है। यात्रियों को सही-सलामत पहुंचाने की जिम्मेदारी उनकी है, इसलिए ऐसे कदम उठाने पड़ते हैं।
लाइट ही सबसे बड़ी समस्या
दिल्ली रूट पर बस चालक गुरमीत सिंह ने ‘पंजाब केसरी’ की टीम को बताया कि उनकी बस की पिछली लाइट जो लाल रंग की होती है, कार्य नहीं करती। इस बारे में वह कई बार कह चुका है, लेकिन उनकी समस्या जस की तस है। पिछली लाइट का कार्य न करना प्राय: खतरनाक साबित होता है।
शीशे पर जम जाता है कोहरा
चंडीगढ़ रूट पर बस चलाने वाले सरदारा सिंह ने कहा कि सॢदयों में बस के शीशों पर कोहरा जाता है, जो काफी समस्या खड़ी करता है, ऊपर से बस की साइडों पर कोई लाइट नहीं लगी होती, जिस कारण हाईवे पर बस को खड़ा करना काफी खतरनाक होता है।
पीली लाइट बहुत जरूरी
जम्मू रूट पर बस चालक अजमेर सिंह ने बताया कि इन धुंध में पीली लाइट व सड़क के किनारे बनी हुई सफेद पट्टी ही हाईवे पर उनका सहारा होती हैं, लेकिन कई बसों में पीली लाइट नहीं लगी हुई हैं, ऐसे में प्राय: सड़क हादसे हो जाते हैं।