Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 Nov, 2017 04:05 PM
माल रोड पर 24 परिवारों के तोड़े गए आशियानों के बाद पीड़ित परिवारों को कोई ठिकाना नहीं मिलने के कारण उन्होंने कैंट बोर्ड कार्यालय के सामने ही अपना डेरा डाल लिया है और रात की कंपकंपाती ठंड में पीड़ित परिवारों ने एक टैंट लगाकर अपने मासूम बच्चों को गोद...
फिरोजपुर(आनंद): माल रोड पर 24 परिवारों के तोड़े गए आशियानों के बाद पीड़ित परिवारों को कोई ठिकाना नहीं मिलने के कारण उन्होंने कैंट बोर्ड कार्यालय के सामने ही अपना डेरा डाल लिया है और रात की कंपकंपाती ठंड में पीड़ित परिवारों ने एक टैंट लगाकर अपने मासूम बच्चों को गोद में लेकर रात गुजारी, वहीं अपने अशियाने टूटने की वजह से दुखी कई मासूम आज स्कूल नहीं गए। भूख से बिलखते इन बच्चों की मदद के लिए कोई आगे नहीं आया, जबकि पीड़ित परिवारों ने अपने टैंटों में ही चूल्हा जलाकर खाने-पीने का बंदोबस्त किया।
प्रधानमंत्री व केन्द्रीय मंत्री को लिखे पत्र में अपना दर्द किया बयां
इस कारगुजारी से आहत पीड़ित परिवारों का अब जहां स्थानीय लीडरों से भरोसा उठ गया है, वहीं अपने घरों की चारदीवारों से सीधा सड़क पर आने के गम की दास्तां को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान को लिखे पत्र में बयां किया है। उन्होंने पत्र लिखकर उन्हें रैन बसेरा देने के गुहार लगाई है। उन्होंने मांग की है कि जहां केन्द्र सरकार कई शहरों में गरीबों को मकान दिला कर उनकी मदद कर रही है वहीं फिरोजपुर जैसे शहरों में गरीबों के मकान नियमों का हवाला देकर तोड़ा जा रहा है। उन्हें अब यह समझ नहीं आ रहा है कि उनके बच्चों और परिवारों का क्या होगा क्योंकि वे इतने सक्षम नहीं हैं कि अपने लिए और घर खरीद सकें।
समासेवियों को भी नहीं दिखा पीड़ितों का दर्द
धार्मिक समारोह की सजावट व लंगर सेवा में ही लाखों रुपए खर्च करने वाले तथा समाज सेवा के नाम पर फोटो क्लिक करवाने वाले लोगों को इन पीड़ित परिवारों का दर्द दिखाई नहीं दिया, वहीं अपने शहर से हजारों किलोमीटर दूर जाकर धार्मिक स्थानों पर लंगर लगाने वाले लोगों को पीड़ित परिवारों के बच्चों की भूख से बिलखती हुई आंखें दिखाई नहीं दे रही हैं।
गरीबों की सिसकियों से पार्षद हुए अनजान
वहीं, चुनावी सीजन में अपना वार्ड छोड़कर दूसरे वार्डों में लोगों के हमदर्द बनने वाले छावनी के कई वार्डों के पार्षद इन लोगों की सिसकियां से अनजान हैं।