Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Nov, 2017 12:23 PM
सरकार द्वारा किए जाने वाले विकास के दावों की नगर निगम में हालत यह है कि जगराओं पुल से बाबा थान सिंह चौक तक जाने वाली सड़क का निर्माण वर्क ऑर्डर जारी होने के 2 साल बाद जाकर शुरू हो पाया है। अब नगर निगम चुनाव नजदीक होने कारण & विधायकों में सड़क...
लुधियाना (हितेश): सरकार द्वारा किए जाने वाले विकास के दावों की नगर निगम में हालत यह है कि जगराओं पुल से बाबा थान सिंह चौक तक जाने वाली सड़क का निर्माण वर्क ऑर्डर जारी होने के 2 साल बाद जाकर शुरू हो पाया है। अब नगर निगम चुनाव नजदीक होने कारण & विधायकों में सड़क निर्माण शुरू करवाने का कै्रडिट लेने की होड़ लग गई है, जिसके तहत हलका सैंट्रल व उत्तरी का सांझा एरिया होने कारण सुरेन्द्र डाबर व राकेश पांडे तो पहुंचे ही, इस इलाके से पार्षद रहने के बाद पूर्वी से विधायक बनने वाले संजय तलवाड़ ने अपने भाई को भी मौके पर भेजा। इस दौरान पंजाब कांग्रेस महासचिव अशोक पराशर पप्पी, केवल छाबड़ा, पूर्व पार्षद राकेश पराशर, मो. उस्मान रहमानी, दीपक शर्मा दीपा आदि मौजूद थे।
जनरल हाऊस में मुद्दा उठने के बावजूद जनता की सुविधा की जगह कम्पनी के बचाव में लगे रहे निगम अधिकारी
मिली जानकारी के अनुसार जगराओं पुल से फील्डगंज, जेल रोड, सिविल अस्पताल रोड, सी.एम.सी. से होते हुए बाबा थान सिंह चौक तक करीब 1 करोड़ रुपए की लागत से सड़क बनाने के लिए वर्क ऑर्डर करीब 2 साल पहले जिस कम्पनी को जारी किया गया था उसे & माह के अंदर काम पूरा करने के लिए बोला था। ठेकेदार ने काफी देर तक काम शुरू नहीं किया तो उस समय पार्षद संजय तलवाड़ व राकेश पराशर ने जनरल हाऊस की मीटिंग में मुद्दा उठाया कि सड़क की खस्ताहालत कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस पर मेयर ने बी एंड आर ब्रांच से जवाबतलबी की, लेकिन अफसरों के पास देरी के लिए ठेकेदार को कोई नोटिस जारी करने का कोई रिकॉर्ड नहीं था। इससे साफ हो गया कि नियमों पर अमल करने की जगह अफसरों ने जनता की सुविधा की बजाय कम्पनी के बचाव पर जोर दिया।
ज्यादा लैस डालने कारण ठेकेदार ने पीछे खींचे पैर
ऐसा नहीं कि संबंधित ठेकेदार ने सभी टैंडरों पर जारी हुए वर्क ऑर्डर से संबंधित विकास कार्य इसी तरह शुरू नहीं किए, बल्कि हलका वाइज विकास कार्यों के लिए नाममात्र लैस पर मिले कामों को जल्द पेमैंट लेने के चक्कर में हाथों-हाथ निपटाया भी। पैंङ्क्षडग पड़े काम का 22 फीसदी लैस डाला होने कारण पैर पीछे खींच लिए। ठेकेदार की कोशिश थी कि इस काम को रद्द करवा लिया जाए, जिस पर अफसरों ने काम भी शुरू कर दिया, लेकिन जनरल हाऊस में मामला उठने पर खेल बिगड़ गया।