पिंड तां पता नी तेरा किहो जेहा होणा मैं तां सड़कां देखके डर गया नी

Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Sep, 2017 09:17 AM

road broken

पिंड तां पता नी तेरा किहो जेहा होणा मैं तां सड़कां देखके डर गया नी........

मालेरकोटला (शहाबुदीन): पिंड तां पता नी तेरा किहो जेहा होणा मैं तां सड़कां देखके डर गया नी......, जी हां, यह किसी प्रसिद्ध पंजाबी गीत की तर्ज के बोल नहीं बल्कि सड़क मंत्री के अपने हलके में खस्ताहाल सड़कों की दास्तां है। शहर की खस्ताहाल बहुत सी मेन सड़कें जिन पर गुजरना भी मुश्किल होता जा रहा है, बरसात का मौसम होने के कारण थोड़ी-सी बरसात होने से ही इन सड़कों पर खड़े घुटनों तक पानी में गड्ढों का पता न लगने के कारण दो पहिया वाहन चालक अक्सर ही हादसाग्रस्त होकर जहां घायल हो जाते हैं, वहीं गड्ढों में गिरने से वाहनों का भी भारी नुक्सान होता है।

जब मुख्यमंत्री या अन्य किसी बड़े मंत्री ने मालेरकोटला शहर में आना होता है तो नगर कौंसिल इन गड्ढों को मिट्टी से भरकर काम चला लेती है। राज्य के सड़क मंत्री के अपने हलके की सड़कों का इतना बुरा हाल है तो पंजाब के बाकी 116 हलकों की सड़कों की हालत क्या होगी, इसका अंदाजा आप सहज ही लगा सकते हैं।

यहां उल्लेखनीय है कि करीब 2 वर्ष पहले पिछली अकाली-भाजपा सरकार के राज्यकाल में नगर कौंसिल मालेरकोटला ने करीब 11 करोड़ रुपए की लागत से शहर की जो सड़कें बनाई थीं व नगर कौंसिल के अधिकारियों व कर्मियों ने दावा किया था कि सरकार की हिदायतानुसार बनाई गई ये सड़कें लंबे समय तक चलेंगी परंतु उक्त कौंसिल अधिकारियों द्वारा किए गए बड़े-बड़े दावों की उस समय सारी हवा नकल गई जब बनने के 2 वर्ष के अंदर ही सभी नई सड़कों की बजरी सड़कों का साथ छोड़कर हादसों को न्यौता देने लग गई। आज शहर की हालत यह है कि शहर की कोई भी सड़क ऐसी नही है जिस पर कई-कई फुट गहरे गड्ढे न पड़े हों।

यहां तक कि शहर के जिन कुछ क्षेत्रों में इंटरलाकिंग टाइलों वाली सड़कें बनाकर उस समय के कौंसिल ई.ओ. व प्रधान ने मीडिया में खूब अपनी पीठ थपथपाई थी वे सारी सड़कें भी या तो बुरी तरह दब गई हैं या फिर जगह-जगह से उखड़ गई हैं, क्योंकि इन सड़कों को भी बनाते समय ठेकेदार ने घटिया मटीरियल डालकर निचले हिस्से को उस स्तर का तैयार नही किया था, जैसे कि ऐसी सड़कों को बनाते समय मटीरियल डालकर तैयार किया जाता है।

यदि नगर कौंसिल द्वारा केवल 11 करोड़ रुपए की लागत से बनाई गई इन शहरी सड़कों की निष्पक्ष जांच हो जाए तो हैरानीजनक तथ्य सामने आएंगे। उधर आम आदमी पार्टी के नेता व कौंसलर इलयास जुबैरी सहित अन्य शहरी सज्जनों ने शहर की विभिन्न खस्ताहाल सड़कों बारे मीडिया को जानकारी देते बताया कि नगर कौंसिल व स्थानीय प्रशासन शायद किसी बड़े हादसे की प्रतीक्षा में है। उन्होंने कहा कि इससे पहले कि कोई वाहन चालक जगह-जगह से टूटी सड़कों की बिखरी पड़ी बजरी के कारण किसी बड़े हादसे का शिकार हो, नगर कौंसिल तुरंत इन सड़कों को नए सिरे से बनाए।

प्रीमिक्स निकलने के कारण ठेकेदार की पेमैंट रोक दी है : ई.ओ.
 2 वर्ष में ही टूटी इन सड़कों के मामले संबंधी जब नगर कौंसिल के कार्यसाधक अफसर चरनजीत सिंह उभी व संबंधित कौंसिल इंस्पैक्टर के साथ बातचीत की तो उन्होंने कहा कि उक्त नई बनाई सड़कों से प्रीमिक्स निकलने के कारण ही नगर कौंसिल द्वारा उक्त सड़कें बनाने वाले ठेकेदार की पेमैंट रोक दी गई है और ठेकेदार को तब तक अदायगी नही की जाएगी जब तक ठेकेदार उक्त सड़कों पर दोबारा प्रीमिक्स नही डालता। कौंसिल अधिकारियों ने कहा कि बरसात का मौसम खत्म होने उपरांत ठेकेदार ने इन टूटी सड़कों पर प्रीमिक्स डालने का भरोसा दिया है।

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