Edited By Updated: 28 Apr, 2017 02:46 PM
‘चाक जिगर के सी लेते हैं, जैसे भी हो जी लेते हैं’ क्योंकि कंडी पहाड़ी क्षेत्र के वाशिंदों के पास हालातों से समझौता करके जीने के अलावा कोई और चारा भी तो नहीं।
तलवाड़ा (अनुराधा): ‘चाक जिगर के सी लेते हैं, जैसे भी हो जी लेते हैं’ क्योंकि कंडी पहाड़ी क्षेत्र के वाशिंदों के पास हालातों से समझौता करके जीने के अलावा कोई और चारा भी तो नहीं। फिर चाहे हालात कितने भी जानलेवा क्यों न हों, कुछ ऐसा ही नजारा कामाक्षी देवी से वाया रामपुर से दसूहा जाने वाले लिंक रोड पर देखने को मिलता है। कंडी बैल्ट के महत्वपूर्ण गांवों एवं बावा लाल दयाल दरबार रामपुर को दसूहा से जोडऩे वाली इस कटावदार मोड़ों युक्त सड़क का एक हिस्सा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त है। ऊपर से तो सड़क साफ नजर आती है परंतु किनारे से वह बुरी तरह टूट चुकी है, बह चुकी एवं ढलान बन कर गहरी खाई का रूप धारण कर चुकी है, जिस खाई में कोई भी किसी भी समय गिर सकता है।
बेशक कुछ दूरी पर टूटी सड़क का बोर्ड लगा है परंतु वह तेज चलते बाइकर्स को कम ही नजर आता है और इस रोड पर एक के बाद एक खतरनाक मोड़ आते हैं जिसके चलते यह टूटी हुई लिंक सड़क भी कम ही लोगों को नजर आती है। कई बार हादसे हो चुके हैं परंतु लगता है प्रशासन किसी भारी जानलेवा हादसे का इंतजार कर रहा है तब जाकर इस सड़क की मुरम्मत होगी। इसी सड़क पर से गांव के बीचों-बीच जाने वाली बसें, बच्चों से भरी स्कूल बसें, वैनें सुबह-शाम गुजरती हैं। जरा सी भी गलती के कारण कई घरों के चिराग बुझ सकते हैं, इतना ही नहीं इसी रोड पर बावा लाल दयाल दरबार बोलियां एवं अन्य धार्मिक जगहें हैं जिन में आए दिनों भारी मेले होते रहते हैं जिनमें भारी मात्रा में संगत ट्रैक्टर-ट्रालियों में भर कर एवं अन्य वाहनों से यहां आती है। रात के वक्त तो यहां कोई बड़ी लाइट न होने के कारण और भी खतरनाक हादसा हो सकता है। चंद रिफ्लैक्टर बड़े हादसों को रोक नहीं सकते, खास कर रास्ते से अनजान चलने वाले मुसाफिरों को भारी दिक्कत है। इसलिए यह सड़क बनाई जाए, साथ ही जब तक यह नहीं बनती यहां फ्लड लाइटें लगाई जाएं।