Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Sep, 2017 02:32 PM
समय की सरकारें एक ओर यह कहती नहीं थकती कि हम ग्रामीण क्षेत्र के बाशिंदों को भी सभी आधुनिक सुविधाएं मुहैया करवा रहे हैं परंतु गांवों की असल तस्वीर कुछ और ही है। यहां तक कि कई गांवों के लोगों को पीने वाला साफ पानी भी नहीं मिल रहा।
श्री मुक्तसर साहिब(तनेजा): समय की सरकारें एक ओर यह कहती नहीं थकती कि हम ग्रामीण क्षेत्र के बाशिंदों को भी सभी आधुनिक सुविधाएं मुहैया करवा रहे हैं परंतु गांवों की असल तस्वीर कुछ और ही है। यहां तक कि कई गांवों के लोगों को पीने वाला साफ पानी भी नहीं मिल रहा।
जिस कारण लोग गंदा व कड़वा पानी पीने के लिए विवश हो रहे हैं। ऐसा ही कुछ हो रहा है सब तहसील मंडी लक्खेवाली के अधीन पड़ते गांव रामगढ़ चूंघा में, जहां के निवासी गत करीब 3 वर्षों से पीने वाले साफ पानी को तरस रहे हंै। पंजाब केसरी द्वारा एकत्रित की गई जानकारी के अनुसार अकाली-भाजपा सरकार के समय उक्त गांव में एक प्राइवेट कंपनी द्वारा सरकार के सहयोग से गांव के छप्पड़ के पास आर.ओ. सिस्टम लगाया गया था परंतु यह आर.ओ. सिस्टम कुछ सप्ताह ही चला था व बाद में इस को बंद कर ताला लगा दिया गया।
अब इस आर.ओ. को बंद हुए 3 वर्ष हो चुके हैं। सभी गांव निवासियों ने इस संबंधी आवाज उठाई थी व प्रशासन व सियासी नेताओं के पास अपील की थी कि इस बंद पड़े आर.ओ. सिस्टम को शुरू किया जाए परंतु न तो किसी सियासी नेता ने बात सुनी व न ही प्रशासन का कोई अधिकारी आया। उल्लेखनीय है कि तकरीबन 4 हजार की आबादी वाले इस गांव में भूमिगत जल कड़वा व खराब है। उसमें शोरे व तेजाब के तत्व हैं व टी.डी.एस. की मात्रा बहुत अधिक है जिस कारण लोग घरों में लगे हुए नलकों का पानी भी नहीं पी सकते। वहीं गांव में जलघर तो मौजूद है परंतु जलघर की टूटियों का पानी भी गत करीब 7 माह से बंद था व अब करीब 2 सप्ताह से पानी आने लगा है।
गांव के समाज सेवक व यूथ क्लब के अध्यक्ष जगसीर सिंह ने बताया कि जलघर की पुरानी पाइपें खोदकर गलियों में नई पाइपें डाली गई हैं जिस कारण पानी बंद किया गया था। समूचे गांव के लोग ही पानी के बिना परेशान थे। असल में अगर देखा जाए तो अनदेखा किए गए इस गांव की समय की सरकारों ने सुध नहीं ली जबकि सरकार द्वारा वैसे लोगों को साफ पानी पीने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
गांव निवासी हैं पहले से ही बीमारियों का शिकार
शुरू से ही इस गांव में पीने वाला पानी खराब ही था। जिस कारण लोग पहले ही भयानक बीमारियों की चपेट में थे। नामुराद बीमारियों कैंसर, काला पीलिया, दिल के रोग व हड्डियों के रोग से कई गांव निवासी पीड़ित हैं। पंजाब सरकार को तुरंत इस गांव की सुध लेनी चाहिए।