Edited By Updated: 06 Dec, 2016 02:26 PM
आनन-फानन में उन्होंने पार्टी के सिद्धान्तों पर वार करते हुए इसे दलितों से धक्का करार दिया
बटाला : 5 वर्ष झंडी वाली कार का आनंद लेने वाले मुख्य संसदीय सचिव देसराज धुग्गा टिकट काटे जाने के बाद आग-बबूला हो गए और आनन-फानन में उन्होंने पार्टी के सिद्धान्तों पर वार करते हुए इसे दलितों से धक्का करार दिया। जैसे ही पार्टी ने धुग्गा को टिकट से वंचित किया तो उन्होंने भी अपना रंग बदलते हुए तुरंत यह ऐलान कर दिया कि पार्टी ने उन्हें बहुत बड़ा धक्का दिया है जबकि उन्होंने अपना सारा जीवन शिरोमणि अकाली दल के नाम लगा दिया। उन्होंने रोष भरे शब्दों में खुद श्री हरगोबिन्दपुर से चुनाव लडऩे का ऐलान किया जबकि अपनी पत्नी कुलजीत कौर धुग्गा को हलका शामचौरासी से और भाई सरपंच सुरजीत सिंह को टांडा उड़मुड़ से अकाली दल के विरुद्ध आजाद रूप में चुनाव लडऩे का ऐलान कर दिया। उन्होंने उक्त फैसले को अमली रूप देने के लिए 7 दिसम्बर को हलके में अपने समर्थकों की बैठक बुलाई है। चर्चा यह भी है कि बहुत से ऐसे सरपंच, जो महज ग्रांटों के कारण धुग्गा से जुड़े थे, वे भी उनका साथ छोड़ जाएंगे।
यहां बता दें कि 2012 के चुनाव में जिला होशियारपुर का विधानसभा क्षेत्र गढ़दीवाला जनरल जबकि उक्त हलका श्री हरगोबिन्दपुर रिजर्व हो गया था और यहां अकाली दल ने हलके में से किसी उम्मीदवार को टिकट न देकर बाहर से लाकर देसराज धुग्गा को मैदान में उतारा था। उस समय अकाली हलकों से इसका विरोध नहीं हुआ।
अधिकतर पदाधिकारियों ने धुग्गा की खुलकर मदद की और उनको शानदार ढंग से विजयी बनाया। इसके बाद धुग्गा के टकसाली अकालियों से रिश्ते दिन-ब-दिन बिगड़ते गए। आखिरकार विरोध इस हद तक पहुंच गया, जिसका परिणाम यह हुआ कि पार्टी ने धुग्गा की टिकट काट कर उनके स्थान पर हलका बाबा बकाला से विधायक मनजीत सिंह मन्ना को उम्मीदवार घोषित कर दिया।
पार्टी को हलके के लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ नहीं करना चाहिए था : टकसाली अकाली
टकसाली अकालियों से बातचीत की गई तो उन्होंने जहां पार्टी का धुग्गा की टिकट काटने के लिए बेहद धन्यवाद किया वहीं साथ ही पुरजोर विरोध दर्ज करवाते हुए कहा कि पार्टी को हलके के लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ नहीं करना चाहिए था और लोकल व्यक्ति को ही टिकट देनी चाहिए थी। एक सीनियर टकसाली अकाली ने अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर कहा कि हमारी हालत तो दयनीय हो गई है क्योंकि हम 5 वर्ष से धुग्गा का बाहरी उम्मीदवार होने के कारण विरोध करते रहे और अब फिर पार्टी ने बाहरी उम्मीदवार दे दिया है। लगता है कि हमारे अगले 5 वर्ष भी नए बाहरी उम्मीदवार के विरोध में ही गुजर जाएंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल और राजस्व मंत्री बिक्रम मजीठिया से पुरजोर मांग करते हुए कहा कि पंथक हलके से धक्का न करें और बाहरी उम्मीदवार के स्थान पर हलके के ही किसी व्यक्ति को टिकट दें।