Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 May, 2017 09:43 AM
एम.जी.एन. पब्लिक स्कूल, अर्बन एस्टेट की छात्रा एवं पूर्व संसदीय सचिव के.डी. भंडारी की बेटी आस्था भंडारी ने कामर्स में 97.2 फीसदी, दिल्ली पब्लिक स्कूल के विट्ठल भंडारी ने नॉन मैडीकल में 97.6 फीसदी, एम.जी.एन. पब्लिक स्कूल आदर्श नगर की नवनीत कौर........
जालंधर (विनीत जोशी): एम.जी.एन. पब्लिक स्कूल, अर्बन एस्टेट की छात्रा एवं पूर्व संसदीय सचिव के.डी. भंडारी की बेटी आस्था भंडारी ने कामर्स में 97.2 फीसदी, दिल्ली पब्लिक स्कूल के विट्ठल भंडारी ने नॉन मैडीकल में 97.6 फीसदी, एम.जी.एन. पब्लिक स्कूल आदर्श नगर की नवनीत कौर गिल ने मैडीकल में 96.6 फीसदी और कैम्ब्रिज इंटरनैशनल स्कूल फार गल्र्ज की छात्रा मनसिमर सचदेवा ने आर्ट्स ग्रुप में 95.4 फीसदी अंक लेकर सी.बी.एस.ई. की 12वीं कक्षा के एक सप्ताह देरी से आए नतीजों में जिलेभर में टॉप किया है। इस प्रकार एम.जी.एन. स्कूलों के विद्यार्थियों ने शीर्ष स्थानों पर कब्जा करके अपना दबदबा बनाया।
एक हफ्ता देरी से मिली खुशी
लंबे इंतजार के बाद आज सी.बी.एस.ई. का 12वीं का रिजल्ट आऊट होने के बाद अच्छे अंक पाने वाले स्टूडैंट्स के चेहरे खिल गए। पिछले साल नतीजों की घोषणा 21 मई को हो गई थी जबकि इस साल नतीजे एक हफ्ता देरी से आए लेकिन इंतजार का फल कई स्टूडैंट्स के लिए काफी मीठा साबित हुआ।
के. डी. भंडारी की बेटी का आई.ए.एस. बनने का सपना
‘मैंने आई.ए.एस. आफिसर बनने का सपना संजोया है। पेपरों के दिनों में मैंने कभी मोबाइल का प्रयोग नहीं किया। पापा के इलैक्शन के टाइम में पढ़ाई करना थोड़ा मुश्किल जरूर था पर मैंने अपने लक्ष्य को पाने के लिए समय निकालकर नियमित रूप से पढ़ाई की। पापा (के.डी. भंडारी) और मम्मी (नीना भंडारी) ने हमेशा मुझे आगे बढऩे के लिए मोटीवेट किया। अब मैं दिल्ली यूनिवॢसटी के श्री राम कालेज में इक्नॉमिक्स ऑनर्स की पढ़ाई करूंगी। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मैं काफी प्रभावित हूं, जिन्होंने देश को एक नई दिशा दी है।
-आस्था भंडारी (फस्र्ट इन कॉमर्स) एम.जी.एन. पब्लिक स्कूल, अर्बन एस्टेट।
‘स्टूडैंट आफ द ईयर’ बना नॉन मैडीकल टॉपर
मेरी सफलता का रहस्य टॉपर्स की कहानियां पढऩा है। सफलता के लिए कोङ्क्षचग और नियमित सैल्फ स्टडी बहुत जरूरी है। मैं देर रात तक नहीं पढ़ता था, क्योंकि सुबह जल्दी उठकर पढऩा मुझे अ४छा लगता है। मुझे पढऩे का शौक शुरू से ही है, इसी कारण मेरी गिनती स्कूल के टॉपर्स में होती है और साल 2015 में स्कूल का ‘स्टूडैंट आफ द ईयर’ भी बना। मम्मी सोनू भंडारी बचपन से ही मुझे शिक्षाप्रद कहानियां सुनाती रहीं। बड़ी बहन निधि भंडारी फरीदकोट कालेज से बी.डी.एस. कर रही हैं, स्टडी से रिलेटिड वह भी काफी मोटीवेट करती रहती हैं। नॉलेज कैंपस के फैकल्टी सदस्यों ने मुझे बहुत अ४छा गाइड किया। चाहता हूं कि देश के बैस्ट आई.आई.टी. में कम्प्यूटर साइंस में दाखिला ले सकूं, इसके लिए जे.ई.ई. एडवांस्ड का पेपर भी दिया है। -
विठल भंडारी (फस्र्ट इन नॉन मैडीकल) -दिल्ली पब्लिक स्कूल
आर्ट्स की टॉपर बनेगी ‘साइकोलॉजिस्ट’
‘जिंदगी का लक्ष्य निर्धारित करके उसे प्राप्त करने के लिए डैडिकेटिड और फोकस्ड होना बहुत जरूरी है, आर्ट्स में विषयों का चयन करने और अपने पेंटिंग के शौक को पूरा करने के लिए परिवार ने हरसंभव सहयोग दिया’। पिता रछपाल सचदेवा और माता प्रीति सचदेवा के सही मार्गदर्शन से ही 95.6 फीसदी अंक प्राप्त हुए हैं। पेरैंट्स ने मेरे हर फैसले में सही-गलत की जानकारी दी और खुद पर भरोसा भी करना सिखाया। बहन अशीष और भाई अनहद की भी मैं पढ़ाई में मदद करती हूं। दादा सतपाल सिंह, दादी गुरदीप कौर व नानी हरविंद्र कौर ने मेरे ड्राइंग के शौक को हर पल प्रोत्साहित किया। भविष्य में साइकोलॉजिस्ट बनकर अपने माता-पिता और अध्यापकों का नाम रोशन करूंगी।
-मनसिमर कौर सचदेवा (फस्र्ट इन आर्ट्स)
‘सफलता के लिए कंसैप्ट का क्लीयर होना सबसे जरूरी’
‘पढ़ाई रट्टा लगा कर नहीं की जा सकती, बल्कि पढ़ाई में हर टॉपिक का कंसैप्ट क्लीयर होने से सफलता मिलती है। यह भी जरूरी नहीं कि आप लगातार घंटों बैठकर पढ़ाई करो, बस जब भी पढ़ो, तब एकाग्रता के साथ हर विषय को अच्छे से समझो। मुझे तो उम्मीद ही नहीं थी कि मैडीकल में 483/500 (96.6 फीसदी) अंक आएंगे। आई.सी.एस.ई. बोर्ड की 10वीं में मैंने 93 प्रतिशत अंक हासिल किए थे, अपनी कजन से प्रेरणा लेकर मैंने भी भविष्य में गायनो-कोलॉजिस्ट बनने का लक्ष्य रखा है। पिता परमजीत सिंह और माता चरणजीत कौर ने मेरी पढ़ाई और टी.वी. व फिल्में देखने के शौक को पूरा करने के लिए मुझे टाइम मैनेजमैंट करना सिखाया। पढ़ाई के दौरान कुछ मुश्किल होने पर अध्यापकों ने दिन-रात की परवाह किए बगैर सहायता की, जिससे बहुत सहयोग मिला। मेरे स्कूल के सचिव जरनैल सिंह पसरीचा व मैनेजर रमणीक सिंह कालड़ा ने स्कूल के टॉपर्स को सम्मानित करके हमेशा ही मोटीवेट किया है, जो मेरे को बहुत अच्छा लगता है।
-नवनीत कौर गिल (फस्र्ट इन मैडीकल) -एम.जी.एन. पब्लिक स्कूल, आदर्श नगर
पेरैंट्स के आशीर्वाद से मिली सफलता
‘मैंने 10वीं में सी.जी.पी.ए. ग्रेड-10 पाया था, तभी से सोच लिया था कि 12वीं बोर्ड में भी टॉप पोजीशन लेनी है, काफी मेहनत की, नॉन मैडीकल में महानगर में दूसरा स्थान आने से काफी खुश भी हूं। मेरा सपना है कि इंजीनियरिंग फील्ड में करियर बनाऊं। कम्प्यूटर साइंस मेरा पसंदीदा विषय है, इसके साथ ही आई.ए.एस. अफसर बनकर देश की सेवा करना चाहता हूं। पापा पलविन्द्र सिंह (मैकेनिकल इंजीनियर), मम्मी सर्बजीत कौर व दादी जी कमलेश कौर के आशीर्वाद से यह मुकाम मिला।
-हरकीरत सिंह (सैकेंड इन नॉन मैडीकल) -स्वामी संत दास पब्लिक स्कूल
सी.ए. बनकर पापा को सहयोग करूंगी’
पेपरों के दिनों में टाइम मैनेजमैंट बहुत जरूरी है और मैंने कांफीडैंट होकर प्रश्नों के उत्तर दिए। मैंने अपनी स्टडीज में बुक के सारे प्रश्न कवर किए। मोबाइल से दूरी बनाए रखी, इसीलिए अच्छे नंबरों से सफलता हासिल कर पाई हूं। वैसे भी मुझे मोबाइल फोन का प्रयोग करना झंझट-सा लगता है, पेरैंट्स चाहते हैं कि मैं मोबाइल रखूं, परन्तु मैं इसे पढ़ाई में बाधा समझती हूं। मेरे पापा निशु गुप्ता पिं्रटिंग बिजनैस में हैं और मैं सी.ए. बनकर उनके बिजनैस में सहयोग करना चाहती हूं।
-मानसी गुप्ता (कामर्स-95.2 फीसदी)
सी.ए. बनना चाहती है समीक्षा
समीक्षा का कहना है कि वह सी.ए. बनना चाहती है। किसी भी क्षेत्र में सफलता पाने के लिए हार्ड वर्क और टारगेट बेहद जरूरी है। सभी को कुछ भी करने से पहले अपना टारगेट निर्धारित करना चाहिए। क्लास में टीचर की बातों ध्यान से सुनने का आज सही फल मिला है। मेरी इस सफलता का श्रेय मेरे परिवार के साथ-साथ टीचर्स और फ्रैंड्र्स को जाता है।दसवीं के रिजल्ट में मैने अच्छे नम्बर लेकर अपने परिवार का गौरव बढ़ाया था और आगे भी सफलता पाने की कोशिश चलती रहेगी। सी.ए. बनने के लिए पहला कदम सी.पी.टी. परीक्षा 18 जून को होगी जिसे देने के लिए मैं अभी से ही बहुत उत्साहित हूं।
किरण बेदी हैं मेरी प्रेरणा स्रोत’
जब मेरा 10वीं में सी.जी.पी.ए. ग्रेड-10 आया था, तभी मैंने यह निर्णय कर लिया था कि 12वीं बोर्ड में भी अ४छे नंबर लेकर सफलता हासिल करूंगी। स्टडी टाइम में पापा तजिन्द्र सिंह और मम्मी सतिन्द्रजीत कौर ने हमेशा काफी हैल्प की। मैं 95 फीसदी अंक लेकर बहुत खुश हूं। मेरे दादा जी खजान सिंह रिटा. पटवारी और पापा चाहते हैं कि मैं आई.ए.एस. अफसर बनूं, इसलिए मैं उनके सपने को साकार करने के लिए कड़ी मेहनत से इसी ओर बढ़ रही हूं। देश की पहली आई.पी.एस. महिला अधिकारी किरण बेदी मेरी प्रेरणा स्रोत हैं।