Edited By Updated: 27 Apr, 2017 12:34 AM
कैप्टन सरकार द्वारा लगभग 10 वर्ष पहले मंजूर किए गए मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज....
चंडीगढ़: कैप्टन सरकार द्वारा लगभग 10 वर्ष पहले मंजूर किए गए मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज के 5000 करोड़ के ‘फार्म टू फोर्क’ प्रोजैक्ट को अंतत: अमलीजामा पहनाने के आसार बन गए हैं। प्रोजैक्ट के तहत रिलायंस देशभर में ताजा फलों तथा सब्जियों की हाईपर मार्कीट, सुपर मार्कीट, स्पैशएलिटी तथा एग्रीरिटेल स्टोर स्थापित करेगी।
इन सब के लिए खाद्य पदार्थ पंजाब में उगाए जाएंगे तथा उन्हें देश के विभिन्न भागों में सप्लाई के लिए कोल्ड चेन भी विकसित की जाएगी। प्रोजैक्ट के लिए पंजाब भर में 52 ग्रामीण हब तथा 250 सब-हब बनेंगे। जहां फलों तथा सब्जियों की खेती होगी तथा इन्हें रिलायंस के स्टोर्स को सप्लाई किया जाएगा। रिलायंस ने पंजाब में 3 लाख एकड़ भूमि पर प्रतिवर्ष 2 लाख टन फल तथा सब्जियां उगाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
रिलायंस ने पुन: दिखाई दिलचस्पी
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह की ओर से हाल ही के मुंबई दौरे के दौरान मुकेश अंबानी तथा रिलायंस इंडस्ट्रीज के अन्य अधिकारियों के साथ बातचीत की गई थी। उच्चस्तरीय सरकारी सूत्रों के अनुसार रिलायंस इंडस्ट्रीज ने इस प्रोजैक्ट में पुन: दिलचस्पी दिखाई है। इस पर पंजाब सरकार ने फिर से काम करना शुरू कर दिया है। यदि प्रोजैक्ट सिरे चढ़ता है तो यह अमरेंद्र सरकार की राज्य में नया निवेश आकर्षित करने के क्षेत्र में पहली बड़ी कामयाबी होगी।
2006 में हुआ था एम.ओ.यू.
दिलचस्प बात यह है कि ‘फार्म टू फोर्क’ प्रोजैक्ट अमरेंद्र सरकार के पहले कार्यकाल (वर्ष 2002-07) के दौरान तैयार किया गया था। इस सिलसिले में पंजाब सरकार तथा मुकेश अंबानी के बीच अगस्त, 2006 में एम.ओ.यू. साइन किया गया था। प्रोजैक्ट पर हस्ताक्षर करने से पहले मुकेश अंबानी ने खुद चंडीगढ़ और पंजाब का दौरा किया था।
2007 में अकालियों ने रद्द किया था प्रोजैक्ट
वर्ष 2007 में पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी हार गई थी और शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने सत्ता में आते ही सबसे पहले इस प्रोजैक्ट को रद्द कर दिया। उनका आरोप था कि अमरेंद्र सरकार ने प्रोजैक्ट के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज को अनावश्यक सहूलियतें तथा टैक्सों में छूट प्रदान की है जिसका पंजाब को लाभ नहीं बल्कि नुक्सान होगा।
जमीन लीज पर देना भी तय हो गया था
पंजाब ने लाडोवाल में 150 एकड़ भूमि 16000 रुपए प्रति एकड़ की दर से 30 वर्षों के लिए रिलायंस को लीज पर देना भी मान लिया था। इसके अलावा लुधियाना के नसराली गांव में 100 एकड़, बरनाला के धूरकोट में 42 एकड़, होशियारपुर के चकगुजरां गांव में 30 एकड़ और रोपड़ के सनेटा में 35 एकड़ भूमि भी रिलायंस को दी जानी थी। राज्य सरकार द्वारा इस प्रोजैक्ट के लिए रिलायंस को इलैक्ट्रीसिटी ड्यूटी में भी 20 वर्षों के लिए 50 प्रतिशत की कमी की जानी थी।
प्रोजैक्ट के तहत रिलायंस इंडस्ट्रीज के लिए गोइंदवाल साहिब में 170 एकड़, आलमगढ़/अबोहर में 90 एकड़, टांडा में 24 एकड़, खियाला कलां/मानसा में 46 एकड़, गुलाबेवाला/मुक्तसर में 53 एकड़ तथा मलोट में 77 एकड़ भूमि की निशानदेही की गई थी। जिसे तुरंत रिलायंस कंपनी को स्थानांतरित किया जाना था।रिलायंस कंपनी और पंजाब सरकार दोनों ही इस प्रोजैक्ट को पुनर्जीवित करने के लिए बहुत उत्सुक हैं। मुंबई दौरे के दौरान मुकेश अंबानी से इस मुद्दे पर बात हुई थी तो उन्होंने तुरंत ही सहमति जताई थी। मुकेश अंबानी जल्द ही पंजाब दौरे पर आएंगे जिस दौरान इस प्रोजैक्ट को और आगे ले जाने का प्रयास किया जाएगा।