Edited By Updated: 23 May, 2017 12:43 AM
फसल की खरीद के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एम.एस.पी.) के मामले में पंजाब....
चंडीगढ़(बृजेन्द्र): फसल की खरीद के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एम.एस.पी.) के मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार पर कड़ी टिप्पणी की है। पंजाब के जवाब को लेकर हाईकोर्ट की ओपन कोर्ट ने कहा कि ऐसा लगता है कि राज्य सरकार किसानों के कल्याण को लेकर बेपरवाह थी। जानबूझकर न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद को लेकर उत्सुकता नहीं दिखाई जा रही। हाईकोर्ट ने यह निष्कर्ष हरियाणा सरकार के जवाब के बाद निकाला। इसमें बैंच को बताया गया कि सूरजमुखी की फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने का फैसला लिया था।
इसके अलावा सरसों भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने की जानकारी बैंच को दी गई। हरियाणा के प्रयासों की तारीफ करते हुए बैंच ने पंजाब सरकार को पड़ोसी राज्य का इस मुद्दे पर अनुकरण न करने को लेकर झाड़ लगाई जो किसान समुदाय की बेहतरी के लिए है। पंजाब को हाईकोर्ट ने कहा कि देखो पड़ोसी राज्य किसानों के लिए क्या कुछ कर रहा है। इससे पहले केस की पिछली सुनवाई पर हाईकोर्ट ने यूनियन मिनिस्ट्री ऑफ कार्पोरेट अफेयर्स को भी पार्टी बनाया था। याची जे.एस. तूर ने दलील पेश करते हुए कहा था कि 5 लाख टन मक्का का आयात किया जा रहा है जबकि यह डिमांड में नहीं था।