Edited By Updated: 30 Mar, 2017 09:50 AM
राज्य में लाल बत्ती को लेकर गलत नोटिफिकेशन जारी करने वाले ट्रांसपोर्ट विभाग के अधिकारी के तबादले के आदेश मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह द्वारा जारी कर दिए गए हैं।
जालंधर (धवन): राज्य में लाल बत्ती को लेकर गलत नोटिफिकेशन जारी करने वाले ट्रांसपोर्ट विभाग के अधिकारी के तबादले के आदेश मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह द्वारा जारी कर दिए गए हैं। कल ट्रांसपोर्ट विभाग ने लाल बत्ती को लेकर जारी नोटिफिकेशन में मुख्यमंत्री तथा मंत्रियों को गाडिय़ों पर लाल बत्ती लगाने की अनुमति दे दी थी परंतु जब यह बात मुख्यमंत्री तक पहुंची तो उन्होंने तुरंत ट्रांसपोर्ट विभाग के अधिकारियों को कह कर उक्त नोटिफिकेशन वापस करवा दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने राज्य के मुख्य सचिव से कहा है कि मंगलवार को ट्रांसपोर्ट विभाग से हुई गलती के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को तुरंत तबदील कर दिया जाए क्योंकि लाल बत्ती को हटाना उनके सरकार के एजैंडे में सबसे ऊपर है। कै. अमरेन्द्र सिंह ने आज कहा कि राज्य में राजनीतिक दलों के नेताओं को दी गई सुरक्षा पर रिव्यू का कार्य अभी भी चल रहा है इसमें कोई धीमापन नहीं आया है। उन्होंने बताया कि लाल बत्ती को लेकर सरकार की नीति में कोई अंतर नहीं आया है क्योंकि कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र में वायदा किया गया था कि सरकार बनते ही वी.आई.पी. कल्चर को खत्म कर दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार वी.वी.आई.पी. कल्चर को पूरी तरह से खत्म करेगी तथा इस संबंध में कोई राहत नहीं दी जाएगी। केवल कैबिनेट द्वारा तय नियमों के अनुसार सरकार का कामकाज चलेगा। उन्होंने कहा कि वह तथा उनके मंत्री अपनी गाडिय़ों पर लाल बत्ती का प्रयोग नहीं करेंगे।
उन्होंने स्पष्ट किया कि खतरे को देखकर ही राज्य पुलिस द्वारा सुरक्षा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि डी.जी.पी. के साथ उनकी बैठक 24 मार्च को हुई थी तथा उसमें उन्होंने सुरक्षा को लेकर मापदंड तय करने के लिए कहा था। डी.जी.पी. द्वारा अच्छी पुलिसिंग तथा पुलिस के कल्याण को देखते हुए सुरक्षा पर पुनॢवचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को अतिरिक्त सुरक्षा दी गई थी उनसे अतिरिक्त सुरक्षा वापस लेकर उन्हें कानून-व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए तैनात किया जाएगा। इससे जिलों में पुलिस को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि पुलिस कर्मचारियों को साप्ताहिक छुट्टी देने का प्रस्ताव तैयार करने के लिए उन्होंने डी.जी.पी. को निर्देश दिए हैं तथा यह भी तय किया जा रहा है कि पुलिस कर्मचारियों से 8 घंटे ही काम लिया जाए। उन्होंने कहा कि पुलिस कर्मचारियों को भी आराम दिया जाना चाहिए क्योंकि अभी उनसे 24-24 घंटे काम लिया जाता है। इससे उनका स्वास्थ्य बुरी तरह से प्रभावित होता है। अगर पुलिस कर्मचारियों को आराम मिलेगा तो इससे राज्य में एक अच्छा माहौल बनेगा।