Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Aug, 2017 11:47 AM
भारत-पाक अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर स्थित दरिया रावी में जलस्तर बढ़ जाने से किसानों की करीब 2,000 किल्ले जमीन पानी में डूबने का समाचार है। इसके साथ ही जहां सीमावर्ती कस्बा रमदास एवं इसके साथ लगते गांवों के किसान पूरी तरह से चिन्ता में डूबे दिखाई दे रहे...
बटाला(बेरी): भारत-पाक अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर स्थित दरिया रावी में जलस्तर बढ़ जाने से किसानों की करीब 2,000 किल्ले जमीन पानी में डूबने का समाचार है। इसके साथ ही जहां सीमावर्ती कस्बा रमदास एवं इसके साथ लगते गांवों के किसान पूरी तरह से चिन्ता में डूबे दिखाई दे रहे हैं, वहीं साथ ही उनके मन में प्रशासनिक अधिकारियों प्रति भी रोष देखने को मिल रहा है क्योंकि अभी तक किसी भी किसान की खबर लेने के लिए कोई भी नेता या सरकारी अधिकारी तक नहीं आया।
सीमावर्ती कस्बा रमदास एवं इसके साथ सटे अलग-अलग गांवों पशिया, जट्टा, घोनेवाल व रमदास के किसानों ने रोष प्रकट करते हुए कहा कि वे पहले कमालपुर चौकी के निकट स्थित सहारनपुर पत्तन के पास दरिया पार स्थित गांव कस्सोवाली, राजी कस्सोवाली, सहारन, राजी सहारन में रहते थे, परंतु बाद में वे सीमावर्ती कस्बा रमदास के उक्त गांवों में आकर रहने लगे क्योंकि रावी दरिया में अक्सर जल स्तर बढऩे से उनके घरों में भी पानी घुस जाता था और अब जबकि उनकी जमीन रावी दरिया के दूसरी साइड ही उक्त गांवों में रह गई है तो वे अब अपनी कीमती व उपजाऊ जमीनों में वहां जाकर खेती कर रहे हैं लेकिन आजकल चल रहे बरसाती मौसम कारण अचानक रावी दरिया में पानी का लैवल बढ़ गया है जिसने फसलों को अपनी चपेट में ले लिया। उक्त किसानों ने बताया कि उन्होंने अपने खेतों में इस बार धान की फसल बीजी थी परंतु दरियाई पानी के चलते उनकी फसलों में 5-5 फुट तक पानी आ खड़ा हुआ है जिसको लेकर वे काफी परेशान हैं।
उन्होंने बताया कि उन्होंने दरिया पार जाने के लिए एक बेड़े का प्रबंध किया हुआ है जिसको मल्लाह डेविड मसीह चलाकर उन्हें दरिया पार खेतों में छोड़ देता है और हम सभी किसान मिलकर उस मल्लाह को खुद पैसे इकट्ठे करके वेतन के रूप में देते हैं जबकि सरकार की ओर से उसको कोई वेतन या भत्ता आदि हमें दूसरी साइड पहुंचाने व वापस लाने के लिए नहीं दिया जा रहा, जोकि बहुत ही मंदभागी बात है। किसानों की प्रशासन, संबंधित विभाग व सरकार से मांग है कि उनकी पानी की चपेट में आई फसलों की गिरदावरी करवाकर बनता मुआवजा दिया जाए।