Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Jul, 2017 03:33 PM
पंजाब पुलिस ने एक दुष्कर्म मामले में एस.आई.टी. जांच के लिए बनाई परन्तु एक वर्ष गुजरने के बावजूद भी पीड़िता को इंसाफ के बदले आश्वासन ही
भटिंडा (विजय): पंजाब पुलिस ने एक दुष्कर्म मामले में एस.आई.टी. जांच के लिए बनाई परन्तु एक वर्ष गुजरने के बावजूद भी पीड़िता को इंसाफ के बदले आश्वासन ही दिया, जबकि जांच कत्र्ता थानेदार ने एस.आई.टी. को मानने से इंकार करते हुए कहा कि वह अपने उच्च अधिकारियों के खिलाफ नहीं जा सकता।
इंसाफ न मिलने पर पीड़िता ने डी.जी.पी. सुरेश अरोड़ा तक पहुंच की तो उन्होंने जांच के लिए एस.आई.टी. गठित कर दी। पीड़िता को फिर भी इंसाफ नहीं मिला, जबकि जांच अधिकारी फौजी राम ने उक्त मामले की सच्चाई सामने लाने की चेष्टा नहीं की। जांच अधिकारी ने यह कहते हुए एस.आई.टी. के आदेश मानने से इंकार कर दिया कि वह अपने पुलिस अधिकारियों के खिलाफ नहीं जा सकता। इस संबंध में एस.एस.पी. भटिंडा नवीन सिंगला के पास शिकायत की गई तो उन्होंने फिर एस.आई.टी. बना दी। पीड़ित युवती ने बताया कि 2013 में उत्तर प्रदेश के ओरिया जिले के रहने वाले अमित कुमार कमल ने शादी का झांसा देकर उसे भटिंडा चलने के लिए कहा क्योंकि वह वहां काम करता था। पीड़िता उसके साथ चलने के लिए तैयार हुई व लगातार 3 वर्ष उसके साथ रही। इस दौरान उसके साथ शारीरिक संबंध बन गए।
2016 में जब पीड़िता ने उससे शादी करने के लिए कहा तो आरोपी ने उससे मारपीट करनी शुरू कर दी व जान से मारने का प्रयास भी किया। शादी में धोखा मिलने से पीड़िता ने तत्कालीन एस.एस.पी. स्वपन शर्मा के पास शिकायत की जिस पर पुलिस ने 30 जून, 2016 को आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म व विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया। पीड़िता ने बताया कि जांच दौरान तत्कालीन एस.पी. ऑप्रेशन गुरमीत सिंह ने तथ्यों के आधारहीन मामले को दहेज की धाराओं में तबदील कर दिया। पीड़िता ने इसकी शिकायत डी.जी.पी. पंजाब को की जिन्होंने एस.आई.टी. का गठन कर जांच का जिम्मा फौजी राम को दिया जिन्होंने एस.आई.टी. का आदेश मानने से स्पष्ट इंकार कर दिया। इस संबंध में एस.एस.पी. भटिंडा नवीन सिंगला ने बताया कि मामला उनके ध्यान में आया है। इसकी जांच हेतु एस.आई.टी. बना दी गई है व जांच अधिकारी भी बदल दिया है।