पीड़ित मां की पुकारःजैसे मेरी परी तड़प-तड़प कर मरी, उसी तरह मारा जाए गुनहगार

Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Mar, 2018 08:00 AM

rape case

मेरी नन्ही-सी परी मेरे जिगर का टुकड़ा थी। अगर उसे मामूली-सी खरोंच भी आती थी तो मेरा कलेजा फट जाता था। मेरी बेटी ने किसी का क्या बिगाड़ा था जो उसे ऐसी भयंकर मौत मिली। मेरी फूल-सी बच्ची कितनी रोई होगी, कितना तड़पी होगी। उसके गुनहगार ने तो इंसानियत की...

लुधियाना(महेश): मेरी नन्ही-सी परी मेरे जिगर का टुकड़ा थी। अगर उसे मामूली-सी खरोंच भी आती थी तो मेरा कलेजा फट जाता था। मेरी बेटी ने किसी का क्या बिगाड़ा था जो उसे ऐसी भयंकर मौत मिली। मेरी फूल-सी बच्ची कितनी रोई होगी, कितना तड़पी होगी। उसके गुनहगार ने तो इंसानियत की सभी हदें पार कर दीं। मेरी केवल एक ही मांग है जिस तरह से मेरी बच्ची को तड़पा-तड़पा कर मारा गया उसी तरह से उसके गुनहगार को दर्दनाक व भयंकर मौत दी जाए। आरोपी की मौत ही मेरी बच्ची की आत्मा को शांति पहुंचा सकती है। यह कहना है कि 6 साल की परी की माता प्रियंका का।PunjabKesari
प्रियंका ने कहा कि मंगलवार शाम को परी अपनी बहनों के साथ खेल रही थी। पहले प्रमोद उसे खाने के लिए मूंगफली देकर गया। कुछ देर बाद वह फिर लौट कर आया और उसे चिप्स देकर गया। मैंने सोचा कि वह परी को अपनी बच्ची की तरह मानता है लेकिन मुझे नहीं पता था कि मासूम से दिखने वाले चेहरे के पीछे एक खूंखार भेडिय़ा छुपा हुआ है, जो मेरी बच्ची पर गंदी नजर टिकाए हुआ है। अगर मुझे थोड़ी-सी भनक लगती तो मैं अपनी बेटी को प्रमोद के साथ कभी न भेजती। प्रमोद उसे नजदीक की दुकान से समौसा दिलाने के बहाने अपने साथ ले गया। जब वह परी को लेकर 15 मिनट तक वापस नहीं आया तो मेरा माथा ठनका। मैं परी को देखने के लिए बाहर गई। लेकिन उसे परी कहीं दिखाई नहीं दी। वह भाग कर उस दुकान पर गई जहां समौसे मिलते हैं। दुकानदार ने बताया कि प्रमोद उसकी बच्ची को लेकर आया था और समौसा लेकर चला गया।

दुकानदार ने भी इस बात की पुष्टि की है। जैसे-जैसे अंधेरा बढ़ता गया मेरा दिल बैठता गया। रात भर मैं सोई नहीं और दरवाजे पर टकटकी लगाकर अपनी परी के वापस आने का इंतजार करती रही। सुबह 5 बजे मेरा पति इलाके के कुछ लोगों को लेकर परी को ढूंढने फिर घर से निकल गया। करीब 7.30 बजे गली में शोर मच गया कि झाडिय़ों में एक बच्ची की लाश पड़ी है। मैं भाग कर वहां गई तो वह लाश मेरी परी की थी। उसके नीचे का हिस्सा लहूलुहान था। उसकी फ्रॉक भी खून से भरी हुई थी। उसकी हालत देखकर मेरा कलेजा मुंह को आ गया और मेरे मुंह से एक ही बद्दुआ निकली की कि मेरी बेटी की तरह ही उसके गुनहगार को मौत दी जाए। प्रियंका ने बताया कि वह 6 महीने पहले ही अपनी बच्चियों के साथ गांव से लुधियाना आई थी। 

शहर के चौराहे में फांसी पर लटका देना चाहिए ऐसे अपराधियों को
संन्यास नगर के रहने वाले विनय जैन, राजिंदर कौर, योगेश कुमार, राम कुमार इत्यादि का कहना है कि ऐसे अपराधियों को शहर के चौराहे में फांसी पर लटका देना चाहिए। तभी प्रमोद जैसे अपराधियों के दिलों में कानून का भय पैदा होगा और ऐसे जघन्य अपराध पर अंकुश लगेगा। ऐसी घटनाएं जहां एक तरफ समाज को शर्मसार करती हैं, वहीं दहशत फैलाती हैं। ऐसे गुनहगारों को केवल एक ही सजा होनी चाहिए और वह है मौत। मौत की सजा ही ऐसे अपराधियों के दिलों में खौफ पैदा कर सकती है। ऐसे लोग समाज के लिए खतरनाक होते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे कानून में कई खामियां हैं, जिनका फायदा उठाकर ऐसे अपराधी आसानी से बच जाते हैं। उन्होंने मांग की कि ऐसे मामलों को जल्द निपटाकर पीड़ित परिवार को इंसाफ दिलाया जाना बेहद जरूरी है। 

बाक्स में छुपकर बैठा था आरोपी 
इलाके के लोगों ने बताया कि आरोपी प्रमोद एक इमारत में रखे हुए बाक्स में छुपकर बैठा हुआ था। हालांकि पुलिस ने उस इमारत को अच्छी तरह से खंगाला, लेकिन पुलिस उसे नहीं ढूंढ पाई और खाली हाथ वापस आ गई। परंतु उन्हें पूरा यकीन था कि आरोपी उसी इमारत में है। जब उन्होंने उसे ढंूढना शुरू किया तो वह एक बाक्स से छुपा हुआ था। जिसे पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया गया। 

पुलिस हरकत में आती तो बच सकती थी परी की जान 
वारदात के बाद जिस तरह से पुलिस हरकत में आई और आरोपी को धर लिया गया अगर यही तत्परता पुलिस मंगलवार रात को दिखाती तो शायद परी की जान बच जाती। जब परी का कुछ पता नहीं चला तो उसके पिता शिव प्रसाद ने रात इसकी सूचना पुलिस को दी और उनसे बेटी को ढूंढने की फरियाद की। तब पुलिस ने इस मामले को हल्के से लिया। शिव ने बताया कि रात 11.30 बजे वह बस्ती जोधेवाल थाने अपनी शिकायत लेकर गया था, परंतु पुलिस ने कोई गंभीरता नहीं दिखाई। जिसके चलते वह वापस आ गया। सुबह उसने ही फोन करके परी की लाश मिलने की सूचना पुलिस को दी। 

दुष्कर्म कहीं और कर लाश खाली प्लाट में फैंकी
इलाके के लोगों का कहना है कि परी के साथ आरोपी ने कहीं और ले जाकर दुष्कर्म किया और फिर हत्या करने के बाद उसकी लाश को खाली प्लाट में फैंक दिया। उनका कहना है कि उन्हें अच्छी तरह से याद है कि उन्होंने परी के घर के आसपास खाली प्लाटों को भी खंगाला था, लेकिन परी उन्हें कहीं दिखाई नहीं दी। फिर आज सुबह उसकी लाश सड़क के साथ लगती झाडिय़ों में मिली। परी के पिता शिव का भी यही कहना है, जबकि ए.सी.पी. पवनजीत का कहना है कि प्रमोद ने खाली प्लाट में ही बच्ची के साथ दुष्कर्म किया और वहीं हाथ से गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। 
 

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