Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Mar, 2018 09:25 AM
12 साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ दुष्कर्म के आरोपियों को फांसी की सजा देने बारे उठ रही मांग को लेकर छिड़ी बहस के बीच लुधियाना के 3 कांग्रेसी विधायकों से उनकी राय जानने की भारत भूषण आशू और राकेश पांडे ने बच्चियों के दुष्कर्म पर फांसी की सजा की...
लुधियाना (हितेश): 12 साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ दुष्कर्म के आरोपियों को फांसी की सजा देने बारे उठ रही मांग को लेकर छिड़ी बहस के बीच लुधियाना के 3 कांग्रेसी विधायकों से उनकी राय जानने की भारत भूषण आशू और राकेश पांडे ने बच्चियों के दुष्कर्म पर फांसी की सजा की वकालत की है जबकि विधायक कुलदीप सिंह फांसी के पक्ष में नहीं है। जीवन विधायक सुरेंद्र डाबर ने इस मामले में अपनी स्पष्ट राय देने से पल्ला झाड़ लिया।
फांसी की सजा देने के प्रस्ताव का करेंगे समर्थन : आशू
वैस्ट हलके से चुने गए भारत भूषण आशु ने फांसी की सजा देने की वकालत की है। उन्होंने कहा कि बच्चियों से दुष्कर्म की घटनाएं सभ्य समाज के माथे पर कलंक हैं। इस समस्या का हल ढूंढना जरूरी है, ताकि आने वाली पीढिय़ों में अच्छा संदेश जाए जिसका एकमात्र रास्ता मिसाल बनने लायक सजा देना ही हो सकता है। विधानसभा में मुद्दा उठने पर वह पूरा समर्थन करेंगे।
फांसी की जगह हो उम्रकैद की सजा : कुलदीप सिंह
हलका गिल के कांग्रेस विधायक कुलदीप सिंह ने कहा कि दुष्कर्म के आरोपी को सख्त सजा मिलनी चाहिए लेकिन वह फांसी देने के हक में नही हैं। उनके मुताबिक हम समाज के प्रैशर में आकर ऐसे मामलों में ज्यादा सजा का प्रावधान रख देते हैं, ऐसी समस्या के हल के लिए पहले सोशल लैवल पर सुधार की मुहिम चलाने की जरूरत है। उन्होंने दुष्कर्म के आरोपी के लिए उम्रकैद या 20 साल तक की सजा देने की बात कही है।
जुर्म के हिसाब से मिले फांसी या उम्रकैद की सजा : पांडे
हलका उत्तरी से विधायक राकेश पांडे का कहना है कि दुष्कर्म के मामले में जुर्म के हिसाब से फांसी या उम्रकैद की सजा मिलनी चाहिए, क्योंकि कोर्ट द्वारा अपराध के तरीके को ध्यान में रखकर ही सजा तय की जाती है। हालांकि विधानसभा में बच्चियों से दुष्कर्म के आरोपियों को फांसी की सजा देने का प्रस्ताव रखने का वह समर्थन करते हैं।