Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Jan, 2018 01:00 PM
कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत का बेटा इंद्र प्रताप ई.डी. के समक्ष पेश हुए। इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।
जालंधर(चोपड़ा):कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत के बेटे इंद्र प्रताप ई.डी. के समक्ष पेश हुए। इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। उल्लेखनीय है कि एन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ईडी) ने पंजाब के बिजली मंत्री राणा गुरजीत सिंह के पुत्र राणा इंद्र प्रताप सिंह को अपनी कंपनी राणा शूगर्ज लिमटिड के नाम पर विदेश में शेयरों या जी.डी.आरज (ग्लोबल डिपॉजिटरी रिसीप्टज) के रूप में 1.8 करोड़ अमरीकी डालर (लगभग 100 करोड़ रुपए) जुटाने के आरोप में 17 जनवरी को पेश होने के लिए सम्मन जारी किए थे। ई.डी. का मानना था कि राणा शूगरज ने शेयरों की खरीदो फरोख्त मौके भारतीय रिजर्व बैंक की लाजिमी मंजूरी को दरकिनार किया था।
इंद्र प्रताप राणा शूगरज का मैनेजिंग डायरैक्टर है। केंद्रीय जांच एजैंसी को शक है कि राणा शूगरज ने उपरोक्त फंड फेमा एक्ट का उल्लंघन करके जुटाए हैं। ई.डी. को यह भी यकीन है कि कंपनी ने अपने शेयरों की खरीद के लिए विदेशी निवेशकों की तरफ से बाहर के बैंकों से लिए कर्ज के लिए जामनी भी खुद दी है। याद रहे कि जी.डी.आरज जारी करने वाली कंपनियों को फेमा एक्ट के अंतर्गत कुछ शर्तों की पालना करनी पड़ती है। इस जानकारी को आर.बी.आई. के पास दर्ज कराना लाजिमी है, जिसे उपरोक्त केस में नजरअन्दाज किया गया। आर.बी.आई. ई.डी. को साफ कर दिया है कि राणा शूगरज की तरफ से जी.डी.आरज जारी करने बारे उसके पास कोई जानकारी नहीं है।
राणा शूगरज ने साल 2005 -06 से 2007 -08 की आडिट बैलेंस शीटों की कापियों समेत कंपनी की तरफ से जारी जी.डी.आरज की जानकारी संचित करवाई थी, परन्तु ईडी ने विवरनों पर असंतुष्टि जाहिर करते 2 जनवरी को इंद्र प्रताप सिंह को सम्मन जारी कर दिए। उधर राणा गुरजीत सिंह ने पुत्र को सम्मन जारी किए जाने की बात अनभिज्ञता जाहिर की थी।