Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Sep, 2017 02:27 PM
सिरसा डेरा मुखी गुरमीत सिंह राम रहीम को दो साध्वियों के साथ दुष्कर्म करने के मामले में 20 साल की सजा सुनाए जाने के बाद उसकी तरफ से 2007 में श्री गुरु गोबिंद सिंह जी का स्वांग रच जाम-ए-इंसा पिलाने का मामला फिर से तूल पकड़ गया है।
जालंधरः सिरसा डेरा मुखी गुरमीत सिंह राम रहीम को दो साध्वियों के साथ दुष्कर्म करने के मामले में 20 साल की सजा सुनाए जाने के बाद उसकी तरफ से 2007 में श्री गुरु गोबिंद सिंह जी का स्वांग रच जाम-ए-इंसा पिलाने का मामला फिर से तूल पकड़ गया है।
श्री अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह ने कहा है कि वे डेरामुखी के खिलाफ कार्रवाई को लेकर एस.जी.पी.सी. प्रधान प्रो. कृपाल सिंह बडूंगर से बात करेंगे। प्रो. बडूंगर का कहना है कि वे जत्थेदार गुरबचन सिंह से मिलेंगे तथा उनकी मांग पर विचार किया जाएगा।
जत्थेदार गुरबचन सिंह ने कहा कि स्वांग मामले में डेरामुखी दोषी था, है तथा रहेगा। करीब दो साल पहले अकाल तख्त ने डेरामुखी को माफ नहीं किया था बल्कि उसकी तरफ से आए पत्र को प्राप्त किया गया था। बाद में संगत के रोष को देखते हुए इसे नामंजूर करने का फैसला लिया गया। श्री अकाल तख्त साहिब की तरफ से किसी को माफ करने पर बाकायदा उसको चिट्ठी जारी की जाती है।
इस मामले में कोई चिट्ठी जारी नहीं की गई थी। 13 मई 2007 को डेरा सलाबतपुरा में डेरा मुखी की ओर से गुरु गोबिंद सिंह का रूप धारने पर सिखों में जबरदस्त रोष फैल गया था और उसके खिलाफ धार्मिक भावनाएं भड़काने के आरोप में मामला दर्ज कर लिया गया था।
इस मामले में कब क्या हुआ?
4 सितंबर 2015 को श्री अकाल तख्त साहिब पर पांच सिंह साहिबान ने डेरामुखी के पत्र स्पष्टीकरण को मान्य करार दिया था। 30 सितंबर को सिख संगठनों की कॉल पर पंजाब बंद हुआ। 16 अक्टूबर को सिंह साहिबान ने डेरामुखी के माफीनामे के प्रस्ताव को रद्द कर दिया। 21 अक्टूबर को पांच प्यारों ने पांच तख्तों के जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब पर तलब कर लिए। 23 अक्टूबर को 5 प्यारों ने पांचों तख्त जत्थेदारों की सेवाएं खत्म करने के दिए आदेश दे दिए। 10 नवंबर को बादल विरोधियों ने सरबत खालसा का आयोजन कर जगतार सिंह हवारा को श्री अकाल तख्त साहिब का जत्थेदार बनाया गया। एसजीपीसी की एग्जीक्यूटिव कमेटी ने सरबत खालसा के सभी फैसले किए रद्द कर दिए।