Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 May, 2017 10:02 AM
गांव बाघा में रजबाहा (सूए) में 10 फुट चौड़ी दरार पडने से 20 एकड़ के करीब बिजाई की नरमे की फसल और धान की पनीरी मात्रा से ज्यादा पानी भरने के कारण खराब हो गई। दरार पडने की सूचना मिलते ही पास के खेतों के किसान इकट्ठा हो गए और इसकी सूचना नहरी विभाग के...
रामां मंडी(परमजीत): गांव बाघा में रजबाहा (सूए) में 10 फुट चौड़ी दरार पडने से 20 एकड़ के करीब बिजाई की नरमे की फसल और धान की पनीरी मात्रा से ज्यादा पानी भरने के कारण खराब हो गई। दरार पडने की सूचना मिलते ही पास के खेतों के किसान इकट्ठा हो गए और इसकी सूचना नहरी विभाग के अधिकारियों को दी और किसानों ने खुद बांध लगा कर पानी का बहाव बंद किया। किसान दारा सिंह, भरपूर सिंह, लाभ सिंह, चमकौर सिंह लाली, पप्पी सिंह, अपिंद्र सिंह, बिंदी आदि ने बताया कि गांव के खेतों में बहते रजबाहे में यह दरार सूए के निर्माण में घटिया सामग्री लगाने कारण पड़ा है और किसानों ने अपने स्तर पर ही ट्रैक्टर-ट्रालियां और खुद मिट्टी के गट्टों द्वारा दरार को बंद किया, जबकि यह काम संबंधित विभाग का था।
इस संबंधी भारतीय किसान यूनियन लक्खोवाल के जिला जनरल सचिव सरूप सिंह सिद्धू ने कहा कि किसानों ने महंगे भाव का बीज और डीजल फूंक कर नरमे और धान की बिजाई की गई थी परन्तु रजवाहे के निर्माण में घटिया सीमैंट लगने कारण सूए में दराऱ पड़ी है। भारतीय किसान यूनियन लक्खोवाल के सूबा सचिव जरनल रामकरन सिंह रामां ने मुख्य मंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह, डिप्टी कमिश्नर भटिंडा दीप्रवा लाकरा और संबंधित विभागों के उच्चाधिकारियों से पुरजोर मांग की है कि किसानों की खराब हुई फसल की गिरदावरी करवा कर 10,000 प्रति एकड़ का मुआवजा दिया जाए।रजवाहे का जायजा लेने के लिए आए नहरी विभाग के जे.ई ने बताया कि विभाग की तरफ से किसानों की मदद के साथ दरार को बंद किया जा रहा है। गत रात तूफान आने के कारण पुली बंद हो गई थी, जिस कारण सूए में दरार पड़ी है।