Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 May, 2017 05:09 PM
शूगरज लिमिटिड के दफ्तर में मुलाजिमों को परांठे खिलाने वाले रसोईए अमित बहादुर द्वारा शहीद भगत सिंह नगर (नवांशहर) के सैदपुर खुर्द की खदान की 26.51 करोड़ रुपए में बोली लगाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है।
अमृतसरः शूगरज लिमिटिड के दफ्तर में मुलाजिमों को परांठे खिलाने वाले रसोईए अमित बहादुर द्वारा शहीद भगत सिंह नगर (नवांशहर) के सैदपुर खुर्द की खदान की 26.51 करोड़ रुपए में बोली लगाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है।
इस मामले के बाद विरोधियों ने इसे बड़ा मुद्दा बनाते हुए सवाल उठाने शुरु कर दिए है। उन्हीं सवालों का जवाब देते कांग्रेस नेता राजकुमार वेरका ने कहा है कि अगर चाय बनाने वाला देश का पी.एम.बन सकता है तो एक रसोईया खादान मालिक क्यों नहीं बन सकता ।
मंत्री ने अारोपों को नकारा
अपने ऊपर लगने वाले अारोपों का खंडन करते हुए पंजाब के कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत ने कहा कि अमित और बलराज मेरे मुलाजिम जरूर थे पर अब वह कैप्टन रंधावा के साथ है। यदि कैप्टन रंधावा ने उन्हें कुछ हिस्सा देकर या उनकी मदद करके सफल बोली लगाई है तो इसमें मैं क्या कर सकता हूं। मैं अमित ,बलराज और कैप्टन रंधावा को भली भांति जानता हूं और यह सब बाजपुर के ही रहने वाले हैं और कैप्टन रंधावा मेरे अच्छे दोस्तों में से हैं। उन्होंने कानूनी ढंग से सबसे ज्यादा बोली देकर यह ठेके लिए है। विपक्षी दलों का काम बुराई करना है और उन्हें उनका काम करने दें। उन्होंने यह भी कहा कि अमित रसोईए का काम नहीं करता था वह निजी सचिव था।
गौरतलब है कि शुक्रवार को खदान की ई नीलामी हुई जिसमें बहादुर ने शहीद भगत सिंह नगर (नवांशहर) के सैदपुर खुर्द की खदान की 26.51 करोड़ रुपए में बोली लगा दी। इस बोली दौरान उसने 32 लोगों को पछाड़ा। बहादुर पंजाब के बिजली और सिंचाई मंत्री राणा गुरजीत सिंह की राणा शुगर मिल्लज में रसोईए को तौर पर काम करता है। यही नहीं कम से कम तीन अन्य मुलाजिमों ने 19 और 20 मई को रेत और बजरी की 89 खदानों की हुई ई नीलामी में सफलता हासिल की।