Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Aug, 2017 02:47 AM
रेलवे अब हवाई जहाज की तरह यात्रियों को उच्च स्तर का खाना उपलब्ध करवाने के लिए हरसंभव प्रयास कर...
जालंधर(गुलशन): रेलवे अब हवाई जहाज की तरह यात्रियों को उच्च स्तर का खाना उपलब्ध करवाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों कैग द्वारा पेश की गई रिपोर्ट में रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में मिलने वाले खाने को घटिया करार दिया गया था जिसके बाद अब रेलवे ट्रेनों में खाना बनाने के लिए बेस किचन बनाने पर विचार कर रहा है।
इसके लिए इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कार्पोरेशन द्वारा प्लान तैयार करके मल्टीनैशनल कंपनियों के साथ टाईअप कर रहा है जिसमें फ्रैंच फूड सॢवस करवाने वाली कम्पनी सोडेक्सो और ट्रैवल फूड सॢवसेज इत्यादि शामिल हैं। गौर हो कि ट्रेनों में पैंट्रीकार की सफाई व्यवस्था और खाने की गुणवत्ता को लेकर रोजाना सैंकड़ों शिकायतें रेलवे को प्राप्त हो रही थीं। रेलवे सूत्रों के मुताबिक इस समय रेलवे की जमीन पर अलग-अलग जगहों पर 16 बेस किचंस चल रही हैं जबकि 115 किचंस बाहरी इलाकों में बनी हुई हैं जिनमें क्वालिटी चैक सही ढंग से नहीं हो पा रहा। इसलिए अब रेल मंत्रालय ने इस पर अंकुश लगाने के लिए खाने का सारा सिस्टम बेस किचन में शिफ्ट करने का मन बनाया है। ट्रेनों की पैंट्रीकार में सिर्फ चाय और कॉफी ही मिला करेगी।
नई कैटरिंग पॉलिसी के मुताबिक खाना बनाने के लिए मल्टीनैशनल कंपनियां आगे लाई जाएंगी। ट्रैवल फूड सॢवसेज नामक कंपनी ट्रैवल सैगमैंट में खाना उपलब्ध करवाने वाली सबसे बड़ी कंपनी मानी जाती है। फिलहाल यह कंपनी मुंबइर्, चेन्नई, कोलकाता, नागपुर और विशाखापट्टनम में काम कर रही है। दूसरी तरफ पैरिस बेस्ड कंपनी सोडेक्सो भी इस समय 80 देशों में 34000 जगह पर काम कर रही है। बेस किचन में खाना बनाने का एक मुख्य कारण खाने की क्वालिटी को बढ़ाना है। बेस किचन में बनने वाले खाने की समय-समय पर थर्ड पार्टी इंस्पैक्शन करवाई जाएगी। इसके लिए जल्द ही आई.आर.सी. टी.सी. एक प्लान बना कर रेल मंत्रालय को सौंपेगी। जिक्र योग्य है कि इस समय राजधानी, शताब्दी, दुरंतो सहित देश भर में चलने वाली 350 ट्रेनों में पैंट्रीकार चल रही है।