Edited By Punjab Kesari,Updated: 09 Sep, 2017 10:35 AM
एक तरफ सुल्तानपुर लोधी में श्री गुरु नानक देव जी का गुरु पर्व की तैयारियां युद्ध स्तर पर जारी हैं, वहीं रेलवे स्टेशन व रेल मंडल एवं विभाग द्वारा की जा रही अनदेखी किसी भी समय कोई बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है। उधर पवित्र नगरी रेलवे स्टेशन की...
सुल्तानपुर लोधी(धीर): एक तरफ सुल्तानपुर लोधी में श्री गुरु नानक देव जी का गुरु पर्व की तैयारियां युद्ध स्तर पर जारी हैं, वहीं रेलवे स्टेशन व रेल मंडल एवं विभाग द्वारा की जा रही अनदेखी किसी भी समय कोई बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है। उधर पवित्र नगरी रेलवे स्टेशन की अनदेखी कारण लोगों में भारी रोष है।
रेलवे स्टेशन पर दूसरा प्लेटफार्म नहीं बना
स्टेशन पर दूसरा प्लेटफार्म अभी तक नहीं बना व फिरोजपुर-जालंधर रेलवे सैक्शन की दोहरी लाइन भी नहीं है जिस कारण एक ही समय पर गाड़ी के क्रॉस करने समय यात्रियों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है। यात्रियों को बीच खड़े होकर गाड़ी का इंतजार करना पड़ता है। प्लेटफार्म न होने के कारण गाड़ी में चढऩे व उतरने समय यात्रियों को खास तौर पर अपाहिज, बुजुर्ग व महिलाओं को बहुत परेशानी पेश आती है।
पैसेंजर गाडियों की क्रासिंग समय यात्रियों को होती है परेशानी
स्टेशन पर पैसेंजर गाडियों को क्रासिंग करवाना पड़ता है तो गाड़ी स्टेशन पर करीब आधे घंटे से एक घंटा बेफजूल खड़ी रहती है जिस कारण नौकरी पेशे लोगों को बहुत परेशानी आती है।
70 वर्षों से रेल सैक्शन के रेल लाइन का दोहरीकरण नहीं हुआ
देश की आजादी के 70 वर्ष उपरांत फिरोजपुर-जालंधर रेलवे लाइन का दोहरीकरण हीं नहीं किया गया जिस कारण इस सैक्शन से गाडिय़ां बहुत ही समय से देरी से पहुंचती हैं। मेल/एक्सप्रैस समय तो पैसेंजर गाडिय़ों की हालत और भी बुरी हो जाती है।
दिल्ली के लिए सीधी कोई गाड़ी नहीं
गुरु नानक देव जी के गुरु पर्व को मद्देनजर रखते हुए लाखों श्रद्धालु सुल्तानपुर में आ रहे हैं व दिल्ली से सीधी ट्रेन न होने से सभी को बहुत परेशानी आएगी। इसलिए सिख नामलेवा जत्थेबंदी ने पंजाब सरकार व एस.जी.पी.सी. से मांग की है कि दिल्ली के लिए सीधी रेल सेवा जल्द से जल्द की शुरू की जाए।
पैसेंजर गाडिय़ों के डिब्बे कम होने से होती है परेशानी
डी.एम.यू. के डिब्बों की गिनती कम होने कारण कई बार तो हालत इतने बद से बदतर हो जाते हैं कि सवारियों को जान जोखिम में डालकर डिब्बे के बाहर लटककर यात्रा करनी पड़ती है। लोगों ने रेल विभाग से मांग की है कि डी.एम.यू. के डिब्बों की गिनती बढ़ाई जाए।
रेलवे स्टेशन पर फ्लाईओवर भी नहीं
रेलवे स्टेशन पर दूसरी लाइन तक जाने के लिए कोई फ्लाईओवर भी नहीं है जिस कारण एक प्लेटफार्म से दूसरे तरफ गाड़ी को पकडने के लिए और कोई रास्ता ही नहीं है।