Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Jul, 2017 02:26 PM
रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा का जिम्मा उठाने वाली आर.पी.एफ. आज तक सुरक्षा के पुराने तौर-तरीकों को चला कर अपना काम कर रही है।
फिरोजपुर (आनंद): रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा का जिम्मा उठाने वाली आर.पी.एफ. आज तक सुरक्षा के पुराने तौर-तरीकों को चला कर अपना काम कर रही है। पंजाब और कश्मीर घाटी के तमाम रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा का कवच आज अधूरा है, जबकि तीसरी आंख यानी सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाने की योजना अब पूरी तरह से दम तोडऩे लगी है। जानकारी के मुताबिक संवेदनशील तथा ज्यादा भीड़भाड़ वाले रेलवे स्टेशनों समेत लुधियाना, जालंधर, अमृतसर, फिरोजपुर, अंबाला, कटड़ा जैसे तमाम रेलवे स्टेशनों पर अतिरिक्त सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाने का इंतजार है, जबकि सुरक्षा के लिहाज से खास और चुनिंदा रेलवे स्टेशनों पर सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाने की योजना का आगाज कई सालों पहले किया गया था लेकिन बावजूद इसके रेलवे इस योजना को अमलीजामा पहनाने में पूरी तरह से फिसड्डी साबित हुआ है।
स्टाफ की कमी से जूझ रहा आर.पी.एफ.
हालांकि कई अहम तथा बड़े रेलवे स्टेशनों पर डॉग स्क्वायड की कमी खल रही है और अगर किसी रेलवे स्टेशन पर कोई हादसा हो जाता है तो डॉग स्क्वायड मंगवाने के लिए दूसरे शहरों पर निर्भर रहना पड़ेगा। हालांकि कुछ समय पहले यह बताया जा रहा था कि दूसरी सुरक्षा एजैंसियों की तरह आर.पी.एफ. कई संवेदनशील रेलवे स्टेशनों की सुरक्षा के लिए ड्रोन को तैनात करेगी लेकिन इस योजना के आगाज से पहले ही यह योजना दम तोड़ती हुई नजर आ रही है क्योंकि कई रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा का कवच अधूरा होने के बावजूद आर.पी.एफ. ड्रोन के सहारे सुरक्षा की बात से कोसों दूर नजर आ रही है। आर.पी.एफ. पूरी तरह से स्टाफ की कमी से जूझ रही है और इसका खमियाजा सीधे तौर पर ट्रेन यात्रियों को उठाना पड़ सकता है।
क्या कहते हैं आर.पी.एफ. अधिकारी
आर.पी.एफ. के वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त एस. सुधाकर ने बताया कि आर.पी.एफ. मेंं इस समय स्टाफ की कमी है लेकिन बावजूद इसके सुरक्षा को हल्के मेंं नहीं लिया जाता है। उनका कहना है कि सी.सी.टी.वी. लगाने का काम जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा।