Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 Jun, 2017 03:14 AM
सर्कुलर टिकट पर यात्रा करने वाले व्यापारियों के लिए परेशान होने वाली ....
जालंधर(गुलशन): सर्कुलर टिकट पर यात्रा करने वाले व्यापारियों के लिए परेशान होने वाली खबर है कि अब 1 जुलाई से उन्हें सर्कुलर टिकट नहीं मिलेगी। इसके अलावा अनारक्षित टिकट सिस्टम प्रणाली से ए.सी. क्लास के जनरल टिकट भी नहीं मिलेंगे। इस संबंध में रेलवे हैडक्वार्टर में सभी जोनों को आदेश जारी कर दिए हैं।
उल्लेखनीय है कि 1 जुलाई से जी.एस.टी. लागू होने के बाद रेलवे टिकट सिस्टम में भी बदलाव करने जा रहा है। रेलवे ने सर्कुलर टिकट की सुविधा तीर्थ यात्रा पर जाने वाले यात्रियों और टूरिस्ट के लिए शुरू की थी। इस टिकट पर यात्री को टैलीस्कोपिक रेट का फ ायदा मिलने के कारण किराया काफी कम होता था। कुछ समय पहले रेल मंत्रालय ने रेलवे की आय बढ़ाने हेतु सुझाव मांगे थे। इसमें किसी ने सुझाव दिया कि रेलवे द्वारा तीर्थ यात्रियों और टूरिस्ट के लिए जारी की जाने वाली सर्कुलर टिकट बंद कर देनी चाहिए, क्योंकि इस टिकट का लाभ अब तीर्थ यात्रियों और टूरिस्ट की बजाए व्यापारी वर्ग ज्यादा ले रहा है, क्योंकि सर्कुलर टिकट आम टिकटों के मुकाबले काफ ी सस्ती होती है। अब रेलवे 1 जुलाई से इस सुझाव पर अमल करने जा रहा है।
क्या होती है सर्कुलर टिकट
सर्कुलर टिकट में यात्री को एक स्टेशन से यात्रा शुरू कर कई शहरों का सफ र करते हुए वापस यात्रा आरंभ करने वाले स्टेशन पर खत्म करने की सुविधा मिलती थी। इस टिकट पर यात्री को 8 ब्रेक जर्नी मिलती थी। एक तो टिकट सस्ती और दूसरा यात्री को हर स्टेशन पर टिकट लेने के लिए लाइनों में खड़े होने की जरूरत नहीं पड़ती थी, इसलिए लम्बे बिजनैस टूर पर जाने वाले व्यापारी सर्कुलर टिकट को पहल देते थे। अब नए नियम के मुताबिक रिजर्वेशन सिस्टम से प्वाइंट टू प्वाइंट टिकट ही मिलेगी। मतलब ट्रेन के आरंभिक स्टेशन से आखिरी स्टेशन तक टिकट मिलेगी। अगर जालंधर रेलवे स्टेशन की बात करें तो एक महीने में औसतन 300 सर्कुलर टिकट बनती थी। अब नए नियम लागू होने के बाद सर्कुलर टिकट नहीं बनेगी, जिस कारण व्यापारी काफी मायूस हो रहे हैं।
1 जुलाई से पहले टिकट लेने वाले यात्रियों को नहीं भरना पड़ेगा जी.एस.टी.
रेलवे विभाग ने यात्रियों की शंकाओं पर विराम लगाते हुए कहा कि 1 जुलाई से पहले टिकट देने वाले यात्रियों को जी.एस.टी. नहीं भरना पड़ेगा। इससे पहले कहा जा रहा था कि जी.एस.टी. लागू होने के बाद किराए का अंतर ट्रेनों के बीच ही यात्रियों से वसूला जाएगा। रेलवे हैडक्वार्टर ने स्थिति स्पष्ट करते हुए आदेश जारी किए हैं कि 1 जुलाई के बाद जो भी ए.सी. श्रेणी की टिकट बनेगी उस पर ही जी.एस.टी. लगेगा। रेलवे अधिकारियों ने कहा कि रेलवे को सॉफ्टवेयर उपलब्ध करवाने वाली सैंटर फॉर रेलवे इंफॉर्मेशन सिस्टम (क्रिस) को भी 30 जून को रात 12 बजे के बाद सिस्टम में बदलाव करने के आदेश दिए गए हैं।