Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Oct, 2017 01:39 PM
रेलवे विभाग ने मालेरकोटला-रायकोट रेलवे ओवरब्रिज के निचले रास्ते को आज बंद कर दिया है।
मालेरकोटला(जहूर): रेलवे विभाग ने मालेरकोटला-रायकोट रेलवे ओवरब्रिज के निचले रास्ते को आज बंद कर दिया है। विभाग के अधिकारियों द्वारा रेलवे पुलिस की मदद से पुल के नीचे बने अस्थायी रास्ते को जब लोहे के एंगलों को वैल्डिंग कर बंद किया जा रहा था तो स्थानीय लोगों में स्थानीय प्रशासन के खिलाफ कानाफूसी होती रही, परंतु रास्ता खुला रखने के लिए अधिकारियों के साथ कोई भी बातचीत करने को तैयार नहीं था, क्योंकि डेढ़ वर्ष पहले भी स्थानीय लोगों ने रास्ता न बंद करने को लेकर रेलवे विभाग व स्थानीय प्रशासन के खिलाफ रोष प्रदर्शन किए थे और रेल यातायात को भी प्रभावित किया था, जिसके चलते रेलवे विभाग ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया था परंतु किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई थी।
अब जबकि रेलवे विभाग को पुल बनने के बाद अस्थायी रास्ते पर हादसा होने का अंदेशा था तो आज रेलवे अधिकारियों ने पुल के नीचे बना अस्थायी रास्ता बंद कर दिया। सनद रहे कि डेढ़ वर्ष पहले मालेरकोटला-रायकोट रेलवे ओवरब्रिज बनने से जहां दूर-दराज से आने-जाने वाले लोगों को बड़ी राहत मिली थी तो स्थानीय शहर व लाइनों के पार दूसरी तरफ बनी करीब एक दर्जन बस्ती के लोगों ने पुल के निर्माण पर सवाल खड़े करते हुए कहा था कि जहां शहर की ओर ज्यादा लोग रायकोट रोड पर खेती कारोबार पर निर्भर हैं, वहीं पुल द्वारा सब्जी व हरे चारे की भरी बैल रेहडिय़ों का जाना नामुमकिन हो जाएगा।
उधर, शहर के लोगों को सबसे बड़े गुट्टू वाला कब्रिस्तान में अपने रिश्तेदारों को दफन करने जाने के लिए भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि शहर द्वारा कुटी रोड से जनाजा लेकर पुल पर चढऩा मुश्किल हो जाएगा, जबकि जनाजा लेकर जाने वालों को अब 2 किलोमीटर फालतू चलना पड़ेगा।
लाइन पार मदीना बस्ती के निवासी शिरोमणि अकाली दल के नेता महबूब आलम ने बताया कि पुल बनने के बाद लोगों की मुश्किलों को देखते हुए उन्होंने स्थानीय विधायक बीबी फरजाना आलम व अन्य सीनियर अधिकारियों से गुहार लगा कर पेश आती मुश्किलों का हल निकालते हुए पुल के नीचे का रास्ता चालू रखा था। अब जबकि वह सत्ता में नहीं हैं तो इस संबंधी अब कांग्रेसी नेता ही कुछ कर सकते हैं।रेलवे विभाग के डिवीजनल मैनेजर पटियाला शुभम खुराना से जब अस्थायी रास्ते को बंद करने संबंधी पूछा तो उन्होंने कहा कि उक्त रास्ता गैर कानूनी था, जिससे कभी भी कोई हादसा हो सकता था। जब उनसे पुल के नीचे बने अंडरपास के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि इस संबंधी रीजनल मैनेजर अम्बाला ही बता सकते हैं।