नए साल में रेल यात्रियों की जेब होगी ढीली, बढ़ सकता है रेल किराया

Edited By Updated: 16 Dec, 2016 10:12 AM

rail fares could rise

रेल यात्रियों की जेब एक बार फिर से ढीली हो सकती है। पैसों की तंगी से जूझ रहा रेल विभाग नए साल में रेल किराया बढ़ाने पर विचार कर सकता है।

जालंधर (गुलशन): रेल यात्रियों की जेब एक बार फिर से ढीली हो सकती है। पैसों की तंगी से जूझ रहा रेल विभाग नए साल में रेल किराया बढ़ाने पर विचार कर सकता है। रेल बजट को आम बजट में मिलाने के बाद रेल मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय को रेलवे का घाटा वहन करने को कहा था लेकिन वित्त मंत्रालय ने इस विचार को मानने से इंकार कर दिया। सूत्रों के मुताबिक रेलवे परिचालन घाटे को कम करने के लिए विभिन्न श्रेणियों में दी जाने वाली रियायतों और सबसिडी में कटौती कर सकता है।रेलवे ने वित्त मंत्रालय को पत्र लिख कर बताया कि वह रेलवे को होने वाला 35 हजार करोड़ का घाटा वहन करने में असमर्थ है इसलिए रियायत कटौती करने के अलावा कोई अन्य रास्ता नहीं है जिससे अब यात्री किराया बढऩे की संभावना लग रही है। गौरतलब है कि रेलवे यात्री संचालन पर 77 हजार करोड़ रुपए खर्च करता है जबकि उसे किराए से सिर्फ  45 हजार करोड़ रुपए ही मिलते हैं। इस घाटे को कम करने के लिए वित्त मंत्रालय भरपाई कर सकता है लेकिन वित्त मंत्रालय का कहना है कि रेलवे अपने घाटे की पूर्ति अपने आंतरिक संसाधनों से करे ।

 

रेलवे बोर्ड के एक अधिकारी के मुताबिक रेलवे अपनी खाली पड़ी जमीनों को कमॢशयल इस्तेमाल के लिए दे सकता है जिससे निवेश हो सकता है। आंकड़ों के मुताबिक रेलवे ने साल 2015-16 में 34 हजार करोड़ रुपए का खर्च सामाजिक सेवा दायित्व के तहत किया है। इसमें रेलवे में यात्रा करने वाले वरिष्ठ नागरिकों को किराए पर रियायत देना भी शामिल है । उल्लेखनीय है कि रेल विभाग सभी श्रेणियों में 60 साल की उम्र के पुरुष वरिष्ठ नागरिकों को 40 प्रतिशत और 58 साल की महिला वरिष्ठ नागरिकों को 50 प्रतिशत तक की छूट देता है। वहीं कुछ श्रेणियां ऐसी भी हैं जिनमें रेलवे हार्ट के मरीजों को 75 प्रतिशत तक की छूट देता है।
 

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