Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Jan, 2018 05:10 PM
सितम्बर महीने में बार्कले यूनिवर्सिटी (अमरीका) में कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी ने विद्याॢथयों से रू-ब-रू होते हुए अपनी छाप छोड़ी थी
जालन्धर (धवन): सितम्बर महीने में बार्कले यूनिवर्सिटी (अमरीका) में कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी ने विद्याॢथयों से रू-ब-रू होते हुए अपनी छाप छोड़ी थी। अब राहुल मध्यपूर्वी देशों में बसे अप्रवासियों से मिलने के लिए जा रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद राहुल का पहला विदेशी दौरा होगा। इसके पीछे राहुल के रणनीतिकार सैम पितरोडा का दिमाग काम कर रहा है। सैम पितरोडा ने ही राहुल का बार्कले का दौरा तय किया था। एक प्रकार से सैम पितरोडा राहुल के राम माधव सिद्ध हो रहे हैं।
सैम पितरोडा ने यह योजना बनाई है कि हर चार महीने बाद राहुल गांधी को विदेशी दौरे पर जाकर विद्यार्थियों व अप्रवासियों से रू-ब-रू होना चाहिए। राहुल द्वारा 5 के बाद कभी भी मध्यपूर्वी देशों के दौरे पर प्रस्थान किया जा सकता है। दुबई दौरे के दौरान राहुल द्वारा ग्लोबल सी.ई.ओज. के साथ टाऊन हाल में बैठकें की जाएंगी। वह स्थानीय व्यवसायियों से भी मुलाकात करेंगे। राहुल के साथ सैम पितरोडा तथा कुछ अन्य कांग्रेसी नेता होंगे। सैम राहुल के लिए उसी तरह से भूमिका निभा रहे हैं जैसे राम माधव मोदी के लिए विदेशी दौरों के दौरान अपनी भूमिका अदा करते हैं।
सूत्रों ने कहा कि राहुल गांधी इस बार नव वष की पूर्व संध्या पर विदेशी दौरे पर नहीं गए। अन्यथा इससे पहले वह विदेशी दौरे पर जाया करते थे। सैम पितरोडा का मानना है कि राहुल द्वारा चलाए गए लम्बे चुनावी अभियान का असर लोगों पर अवश्य पड़ा है। पितरोडा राहुल के उन सलाहकारों में से एक हैं जिन्हें राहुल ने उनकी निष्ठा को देखते हुए अपने साथ जोड़ा है।
मध्यपूर्वी देशों के बाद पार्टी संगठन में फेरबदल के आसार
राहुल गांधी के मध्यपूर्वी देशों के दौरे के बाद पार्टी संगठन में फेरबदल होने के आसार हैं। पार्टी ने स्वयं को राजस्थान तथा मध्य प्रदेश चुनावों के लिए तैयार करना है। इसके लिए विधानसभा हलकों में पार्टी उम्मीदवारों बारे भी निर्णय लिया जाना है। कर्नाटक में मुख्यमंत्री सिद्दा रमैया को राहुल गांधी द्वारा विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार चुनने के लिए फ्री हैंड दिया जाएगा। कांग्रेस इस समय देश के चार राज्यों पंजाब, कर्नाटक आदि में शासन में रह गई है इसलिए माइक्रो मैनेजमैंट की रणनीति को राहुल द्वारा अन्य राज्यों में विधानसभा चुनाव जीतने के लिए अपनाया जाएगा।