Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Jan, 2018 10:00 AM
गुजरात में चुनावी नतीजों से उत्साहित कांग्रेस नेतृत्व ने 2018 में होने वाले राज्य विधानसभा चुनावों के लिए अभी से अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसके लिए पार्टी नेतृत्व ने किसानों, कृषि वर्करों, एन.आर.आइज, घरेलू वर्करों, विद्यार्थियों, व्यापारियों...
जालन्धर(धवन): गुजरात में चुनावी नतीजों से उत्साहित कांग्रेस नेतृत्व ने 2018 में होने वाले राज्य विधानसभा चुनावों के लिए अभी से अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसके लिए पार्टी नेतृत्व ने किसानों, कृषि वर्करों, एन.आर.आइज, घरेलू वर्करों, विद्यार्थियों, व्यापारियों तथा असंगठित क्षेत्र के वर्करों से सम्पर्क साधने का निर्णय लिया है। इसके लिए पार्टी विभिन्न प्रकोष्ठों के माध्यम से इन वर्गों के साथ सम्पर्क साधेगी। 2017 में पिछले 5-6 महीनों के दौरान इन सभी प्रकोष्ठों ने अपने संगठनात्मक ढांचों को मजबूती देने का प्रयास किया है।
मध्यप्रदेश तथा छत्तीसगढ़ के कबीलाई क्षेत्रों की तरफ कांग्रेस के विभिन्न प्रकोष्ठों द्वारा ध्यान दिया जाएगा। 2018 में 4 प्रमुख राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने हैं। राजस्थान तथा मध्यप्रदेश में कांग्रेस द्वारा प्रमुख किसान आंदोलन शुरू करने पर विचार किया जा रहा है। दोनों राज्यों में इस समय भाजपा की सरकारें हैं। गुजरात की सौराष्ट्र बैल्ट में भी कांग्रेस ने किसानी के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया था जिस कारण इस क्षेत्र में भाजपा को आशातीत जीत चुनाव में हासिल नहीं हो सकी। अब राजस्थान तथा मध्यप्रदेश में किसानों को लुभाने के लिए कांग्रेस 2 कदम आगे जाना चाहती है। कांग्रेस पहले ही चुनावी राज्यों में मुद्दों को तलाशने व उन्हें मतदाताओं के बीच में ले जाने की कोशिशों में जुटी हुई है। विभिन्न स्तरों पर कांग्रेस ने विद्यार्थियों को भी आगे करने का निर्णय लिया हुआ है।
एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने बताया कि स्टूडैंट यूनियन के चुनावों में कांग्रेस को सफलता मिली है तथा उसे देखते हुए पार्टी की रणनीति काम कर रही है। कांग्रेसियों ने कहा कि पार्टी गुजरात की तरह ही इन चुनावी राज्यों में सोशल नैटवर्किंग का पूरा सहारा लेगी। इन चुनावी राज्यों में लीडरशिप संबंधी निर्णय भी कांग्रेस द्वारा जल्द लिए जाएंगे। मध्यप्रदेश में अभी तक लीडरशिप संबंधी कोई निर्णय पार्टी नहीं ले सकी है। छत्तीसगढ़ में पिछली बार कांग्रेस बहुत कम अंतर से पराजित हुई थी।कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में उन विधानसभा हलकों में अपना काम शुरू कर दिया है जहां पर पार्टी मात्र 5000 वोटों के अंतर से पराजित हुई थी। इन हलकों में पार्टी अपनी स्थिति सुधारना चाहती है। इसी तरह से पार्टी ने 108 ब्लाकों में अपने नेताओं का पता लगाया है जो जमीनी स्तर पर काम कर सकते हैं।