Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Sep, 2017 09:31 AM
खुद को देवी का अवतार बताने वाली विवादित राधे मां पर FIR दर्ज करने की मांग संबंधी अदालत की अवमानना याचिका पर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कपूरथला के एस.एस.पी. को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
जालंधरः खुद को देवी का अवतार बताने वाली विवादित राधे मां पर FIR दर्ज करने की मांग संबंधी अदालत की अवमानना याचिका पर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कपूरथला के एस.एस.पी. को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
एक टी.वी. चैनल से बात करते हुए राधे मां के पूर्व भक्त रहे मुंबई के फेमस एम.एम. मिठाईवाला के मालिक मनमोहन गुप्ता ने राधे मां पर कई आरोप लगाए थे। मनमोहन गुप्ता ने आरोप लगाया था कि राधे मां जिस चौकी में जाती हैं और अपने भक्तों को दर्शन देती हैं, उसका रेट तय रहता है। जो भी भक्त चौकी का कार्यक्रम रखता है, उसको राधे मां की चौकी का रेट कार्ड दिया जाता है और उसे अपनी हैसियत के हिसाब से राधे मां की फरमाइश पूरी करनी पड़ती है।
सूत्रों के मुताबिक, सबसे बड़ी चौकी का आयोजन करने वाले भक्तों को राधे मां का किस, उनको हग करने और गोद में लेने का खास मौका दिया जाता है। भक्त की आर्थिक हालत के हिसाब से चौकी का रेट थोड़ा कम या ज्यादा हो सकता है। चौकी के आयोजन की सारी डीलिंग राधे मां के एजैंट टल्ली बाबा करते हैं।
कौन हैं राधे मां
राधे मां का जन्म पंजाब के गुरदासपुर जिले के एक सिख परिवार में हुआ था। राधे मां का असली नाम सुखविंदर है। उनकी शादी 18 साल की उम्र में मुकेरिया के मनमोहन सिंह से हुई थी। शादी के बाद एक महंत से राधे मां की मुलाकात हुई, जिसके बाद से ही उन्होंने आध्यात्मिक जीवन अपनाया। कुछ समय बाद वह मुंबई आ गई और राधे मां के नाम से मशहूर हो गईं। खुद को देवी का अवतार बताने वाली राधे मां के खिलाफ मुंबई के बोरीवली इलाके में केस भी दर्ज है।