गाडियों का खरीद घोटालाः जांच ज्वाइंट कमिश्नर के हवाले

Edited By Updated: 28 Feb, 2017 10:21 AM

purchase of vehicles scandal

स्वच्छ भारत अभियान तथा पी.आई.डी.बी. के माध्यम से प्राप्त हुई करोड़ों रुपए की ग्रांट से नगर निगम ने पिछले कुछ माह के दौरान सफाई कार्यों में प्रयुक्त होने वाली मशीनरी करोड़ों रुपए में खरीदी, परंतु अब सामने आ रहा है कि गाडिय़ां सप्लाई करने वाली कम्पनी...

जालंधर(खुराना) : स्वच्छ भारत अभियान तथा पी.आई.डी.बी. के माध्यम से प्राप्त हुई करोड़ों रुपए की ग्रांट से नगर निगम ने पिछले कुछ माह के दौरान सफाई कार्यों में प्रयुक्त होने वाली मशीनरी करोड़ों रुपए में खरीदी, परंतु अब सामने आ रहा है कि गाडिय़ां सप्लाई करने वाली कम्पनी ने पुराने वाहन नगर निगम को सप्लाई कर दिए। पिछले दिनों इस स्कैंडल का पर्दाफाश हुआ जिससे नगर निगम प्रशासन में हड़कम्प मचा हुआ है। 

निगम कमिश्नर गुरप्रीत सिंह खैहरा ने इस मामले की जांच का कार्य ज्वाइंट कमिश्नर तथा युवा पी.सी.एस. अधिकारी डा.जयइंद्र सिंह को सौंपा है और उन्हेंं 15 दिन में रिपोर्ट देने को कहा है। 
कमिश्नर खैहरा ने बताया कि इससे पहले जो इंक्वायरी कमेटी बनाई गई थी उसने सिर्फ बाकी गाडियों की जांच का काम ही करना था। गौरतलब है कि पहले बनी कमेटी में इन गाडिय़ों की खरीद प्रक्रिया से जुड़े अधिकारियों लखविंद्र सिंह, सुशील राणा और कालिया के अलावा डा. श्रीकृष्ण को शामिल किया गया था परंतु इस कमेटी का यह कहकर विरोध होना शुरू हो गया था कि खरीद प्रक्रिया से जुड़े अधिकारियों से जांच करवाने का कोई मतलब नहीं बनता। 

निगम वर्कशाप को पूर्ण विभाग बनाने के प्रयास किए : कमिश्नर 
निगम कमिश्नर खैहरा ने इस मुद्दे पर हुई लम्बी बातचीत दौरान माना कि निगम वर्कशाप का काम पिछले काफी समय से अव्यवस्थित ढंग से चल रहा था परंतु अब इसमें सुधार लाकर इसे पूर्ण विभाग बनाने और जवाबदेही तय करने के प्रयास किए गए हैं। इन प्रयासों के चलते कुछ कर्मचारी आपसी रंजिश में मामले को तूल दे रहे हैं जबकि निगम प्रशासन अपने स्तर पर पूरे मामले पर नजर बनाए हुए है और बगैर किसी दबाव में आए निगम के हित में ही फैसले लिए जाएंगे। 

उन्होंने कहा कि तेल के आबंटन और गाडियों की रिपेयर जैसे कार्य डी सैंटरलाइज्ड किए गए हैं। सिटी बस सॢवस के कर्मचारी सुशील राणा के रोल संबंधी पूछे जाने पर कमिश्नर ने कहा कि एम.बी.ए. फाइनांस होने के कारण इस कर्मचारी की सेवाएं निगम की गाडिय़ों का डाटाबेस तैयार करने में ली गईं और अब भी जी.पी.आर.एस. सिस्टम की निगरानी तथा वर्कशाप के आई.टी. सैक्टर में सुशील राणा की तैनाती की गई है। कमिश्नर ने कहा कि नई प्राप्त हुई गाडियों की इंस्पैक्शन करके 4 सदस्यीय कमेटी एक सप्ताह में अपनी रिपोर्ट देगी। उन्होंने साफ कहा कि इस मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा उस पर अवश्य कड़ी कार्रवाई की जाएगी। 
निगम यूनियन ने विजीलैंस जांच हेतु ज्ञापन दिया
इस बीच नगर निगम की सफाई मजदूर यूनियन के नेताओं नरेश प्रधान, सन्नी सहोता व अन्यों ने कमिश्नर श्री खैहरा को ज्ञापन देकर मांग की है कि स्वच्छ भारत तथा पी.आई.डी.बी. ग्रांट से खरीदी गई गाडियों के घोटाले की स्टेट विजीलैंस से जांच करवाई जाए क्योंकि कम्पनी ने धोखे से नई गाडियों की कीमत पर पुरानी गाडिय़ां सप्लाई कर दी हैं। इस मामले में संलिप्त निगमाधिकारियों पर भी कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। निगम यूनियन ने इस घोटाले की शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय, लोकपाल, डी.सी., स्टेट विजीलैंस, एस.एस.पी. विजीलैंस तथा प्रिंसीपल सैक्रेटरी को भी की हैं। 

कम्पनी को भी अपने स्तर पर जांच करने को कहा
कमिश्नर ने बताया कि नई गाडियां सप्लाई करने वाली कम्पनी को भी कहा गया है कि वह अपने स्तर पर यह जांच करे कि पुरानी गाडिय़ां सप्लाई होने के पीछे किसकी और क्या गलती थी और गलती कैसे हुई। 

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